लक्जरी कारें होंगी महंगी, जीएसटी उपकर 15 से बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया गया

August 8, 2017

एसयूवी, मध्यम आकार की व बड़ी एवं लक्जरी कारें अब और महंगी हो जाएंगी क्योंकि जीएसटी परिषद ने इन पर उपकर की दर को मौजूदा 15 फीसद से बढ़ाकर 25 फीसद करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.

 उल्लेखनीय है कि माल एवं सेवाकर (जीएसटी) के लागू होने के बाद इनकी कीमतें कम हो गई थी.

जीएसटी के तहत कारों को उच्चतम दर 28 फीसद कर की श्रेणी में रखा गया है. इस वर्ग में वस्तुओं व सेवाओं पर 1-15 फीसद तक का उपकर भी लगाया गया है ताकि उससे प्राप्त आय के जरिए जीएसटी में राज्यों को राजस्व में होने वाले नुकसान की भरपाई की जा सके.

अब एसयूवी और बड़ी कारों पर उपकर की दर बढ़ा दी गई है. वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जीएसटी के बाद कारों पर कुल कर (जीएसटी और उपकर मिलाकर) जीएसटी से पहले वाली व्यवस्था के मुकाबले कम हो गया था.

बयान में कहा गया है, जीएसटी परिषद ने 5 अगस्त को हुई अपनी 20वीं बैठक में इस मसले विचार किया और केंद्र सरकार से सिफारिश की कि वह मोटर वाहनों पर अधिकतम उपकर मौजूदा 15 फीसद से बढ़ाकर 25 फीसद करने के लिए विधायी संशोधन करने का प्रस्ताव रख सकती है. बढ़ा हुआ उपकर कब से प्रभावी होगा, इसका फैसला जीएसटी परिषद बाद में करेगी.



उपकर में बढ़ोतरी के लिए जीएसटी (राज्यों को राजस्व नुकसान पर मुआवजा) अधिनियम-2017 के धारा-8 में संशोधन की जरूरत होगी. जीएसटी फिटमेंट समिति ने अपनी 25 जुलाई की बैठक में पाया कि इन कारों पर कुल कर पहले की व्यवस्था की तुलना में कम हो गया है. इस समिति पर ही कर की दरों का आकलन करने की जिम्मेदारी है.

जीएसटी से पहले इन कारों पर 52 से 54.72 फीसद कर लगता था जिसमें से 2.5 फीसद केंद्रीय बिक्रीकर (सीएसटी) शमिल  था. जीएसटी जीएसटी के बाद इन पर कुल कर भार 43 फीसद रह गया था.

  • जीएसटी से पहले इन कारों पर लगता था 53 फीसद टैक्स
  • जीएसटी के बाद कुल कर घटकर सिर्फ 43 फीसद हुआ
  • इसके बाद जीएसटी परिषद ने टैक्स बढ़ाने की सिफारिश की

 


एसएनबी

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