इम्युनिटी बूस्टर गिलोय कोरोना को रखेगा दूर, जानें कब और कैसे करें इसका सेवन

May 26, 2020

कोरोना यानी कोविड़ 19 ऐसी वैश्विक महामारी है जिसका न तो अभी तक बचाव और न ही इलाज।

ऐसे में दुनिया के साथ देश में भी इम्यूनिटी यानी रोगों से लड़़ने की क्षमता बढ़ाने पर भी जोर दिया जा रहा है ताकि इसके हमले से बचा जा सके। और अगर कोई चपेट में आ भी जाए तो वह जल्दी ठीक हो जाए। कोरोना के कहर के बीच आयुर्वेदिक औषधियों में गिलोय की सबसे अधिक चर्चा हो रही है।

दरअसल‚ आयुर्वेद में ऐसी बहुत सी जड़ी बूटियां हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार मानी जाती हैं। इन्हीं में से एक है गिलोय। इसका इस्तेमाल कई बीमारियों में किया जाता है। बरसात के मौसम में होने वाली वायरल बुखार जैसे मलेरिया‚ डेंगू और चिकनगुनिया में गिलोय का सेवन किया जाता है। यह औषधि कहीं भी आसानी से मिल भी जाती है और इसे कहीं भी उगाया जा सकता है। इसके तने का एक हिस्सा काटकर गमले तक में इसे बोया जा सकता है।

क्यों है गिलोय गुणकारीः गिलोय की बेल की ऊपरी छाल पतली‚ भूरे या धूसर रंग की होती है। इसमें कैल्शियम‚ प्रोटीन‚ फॉस्फोरस प्रचूर मात्रा में पाया जाता है। इसके तने में स्टार्च होता है। इन सभी गुणों के कारण गिलोय के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी होती है। डेंगू में गिलोय का सेवन प्लेटलेट्स कम होने पर भी किया जाता है जिससे प्लेटलेट्स बढ़ाने में काफी मदद मिलती है। यह गठिया रोग के लिए भी बहुत फायदेमंद है।

कोराना से लड़ने में मददगारः अभी तक कोरोना वायरस से मौतों के जो आकंड़े आए हैं उनसे पता चला है कि वे लोग ज्यादा कोरोना का शिकार होते हैं जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है जैसे बुजुर्ग और बच्चे। गिलोय को यदि प्रतिरोधक क्षमता से जोड़कर देखा जाए तो यह इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। अगर आप नियमित रूप से गिलोय का सेवन करते हैं तो कोरोना जैसे वायरस से बच सकते हैं। विशेषज्ञों की राय में अगर कोरोना वायरस से संक्रमित भी हो जाते हैं तो गिलोय का सेवन करने वाले संक्रमण से जल्दी ठीक हो सकते हैं। माना जाता है कि गिलोय की पत्तियां बैक्टीरिया और वायरस जनित रोगों का नाश कर देती हैं।

कैसे करें सेवनः गिलोय का इस्तेमाल बेहद आसान है। इसकी पत्तियों को पहले अच्छी तरह सुखा लें। सूखी गिलोय की पत्तियां लंबे समय तक आप रख सकते हैं। जब भी सेवन करना हो तो इसे पानी में डालकर अच्छी तरह खौला लें। अगर दो कप पानी में आपने गिलोय की पत्तियां डाली हैं तो खौलाते हुए एक कप पानी सुखा लें। गिलोय की पत्तियों का चूरन भी आप बना सकते हैं। रोजाना आधा ग्राम गिलोय के साथ आंवला पाउडर लेने से पाचन शक्ति अच्छी हो जाती है। आंत संबंधी समस्याओं के इलाज में भी गिलोय बहुत फायदेमंद है। रोजाना आधा ग्राम गिलोय के साथ आंवला पाउडर लेने से काफी लाभ होता है। कब्ज के इलाज के लिए इसे गुड़ के साथ लेना चाहिए।

यह एंटीऑक्सिडेंट का पावर हाउस है जो झुर्रियों से लड़ने और कोशिकाओं को स्वस्थ और निरोग रखने में अहम भूमिका निभाती है। गिलोय टॉक्सिन को शरीर से बाहर निकालकर खून साफ करने‚ बीमारियों से लड़ने वाले बैक्टीरिया की रक्षा करने के साथ मूत्रमार्ग के संक्रमण से भी बचाव करता है।

कैसा होती है गिलोय की तासीरः
किसी भी चीज का सेवन करने से पहले उसके होने वाले असर और तासीर को जानना बेहद आवश्यक होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि गिलोय का इस्तेमाल हर मौसम के लिए अच्छा नहीं होता है। आयुर्वेद में गिलोय की तासीर को बहुत ही गर्म बताया गया है। इसीलिए सर्दी–जुकाम और बुखार में यह लाभकारी होता है।

कब खाना चाहिए गिलोयः किसी भी बीमारी का दवा खाने से पहले उसके फायदे और नुकसान को जानना बहुत ही जरूरी होता है। इसके अलावा किस उम्र में और कितनी मात्रा में इसका सेवन करना चाहिए यह भी मालूम होना चाहिए। इस बारे में आयुर्वेद विशेषज्ञ का मानना है कि 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिए।

गिलोय का सेवन कब–कब करेंः गिलोय का सबसे अधिक सेवन बुखार में किया जाता है. हमेशा जवां बने रहने के लिए भी गिलोय का सेवन किया जाता है। गिलोय का इस्तेमाल पाचन तंत्र को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है। गिलोय एक हाइपोग्लाइसेमिक एजेंट के रूप में कार्य करता है। विशेष रूप से टाइप 2 डायबिटीज के इलाज में मददगार है। गिलोय का रस रक्त शर्करा के उच्च स्तर को कम करने का काम करता है। वजन कम करने में भी गिलोय का जूस काफी लाभकारी होता है।


ज्योति सिंह
नई दिल्ली

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