विटामिन डी की कमी से कोरोना अटैक का ज्यादा खतरा

June 19, 2020

विटामिन–डी आपकी हड्डियों से लेकर इम्युनिटी को बूस्ट करने में अहम भूमिका निभाता है।

मानव शरीर के लिए विटामिन डी बहुत जरूरी है। कोरोना की महामारी फैलने के बाद इसका महत्व और बढ़ गया है। दुनिया भर में कहर बरपा रहे इस वायरस के खात्मा करने के लिए अभी तक कोई वैक्सीन तैयार नहीं हो पाई है। हाल ही में एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि विटामिन डी की कमी वाले लोगों के कोरोना वायरस की चपेट में आने का अधिक खतरा है और उनकी जान तक जा सकती है।

क्या कहती है रिसर्च: अमेरिका के इलिनॉइस में नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने रिसर्च में पाया कि जिन लोगों के शरीर में विटामिन डी की कमी होती है उन लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण का ज्यादा जोखिम रहता है। यही नहीं‚ विटामिन डी की कमी वाले कोरोना मरीजों के मरने की आशंका ज्यादा पाई गई है। रिसर्च में पाया गया कि कोविड–19 से मारे गए लोगों में विटामिन डी का स्तर कम पाया गया था।

इटली‚ स्पेन और ब्रिटेन के कोरोना मरीजों के तुलनात्मक अध्ययन के बाद ये पता चला कि विटामिन डी की कमी वाले मरीज कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित भी हुए थे। इस शोध में चीन‚ फ्रांस‚ जर्मनी‚ इटली‚ ईरान‚ दक्षिण कोरिया‚ स्पेन‚ स्विट्जरलैंड‚ ब्रिटेन और अमेरिका के अस्पतालों के आंकड़े लिए गए।

विटामिन डी और साइटोकाइन संबध:
शोध में विटामिन डी और साइटोकाइन में सीधा संबंध देखने को मिला है। साइटोकाइन सूक्ष्म प्रोटीनों का एक ऐसा बड़ा ग्रुप है जिससे कोशिकाएं संकेत देने के लिए इस्तेमाल करती हैं। इंसान के इम्यून सिस्टम को नियंत्रित या अनियंत्रित करने में साइटोकाइन सिग्नलों की सबसे अहम भूमिका होती है अगर साइटोकाइन के चलते इम्यून सिस्टम ओवर रिएक्शन करने लगे तो स्थिति जानलेवा हो सकती है। ऐसा देखा गया है कि कोरोना वायरस के बहुत सारे मामलों में मरीज की जान इम्यून सिस्टम के ओवर रिएक्शन से ही हुई है।

शोध के अनुसार विटामिन डी की कमी से शरीर में साइटोकाइन का स्तर बहुत ज्यादा बढ जाता है। इसकी अधिक मात्रा से फेफड़ों को बुरी तरह नुकसान पहुंचता है और इससे घातक रेस्पेरेट्री डिस्ट्रेस सिंड्रोम भी हो सकता है जिससे मरीज की मौत हो जाती है। विटामिन डी सिर्फ इम्यून सिस्टम को दुरु स्त ही नहीं रखता है बल्कि यह उसे ओवर रिएक्सन से बचाता है।

कितनी होनी चाहिए मात्रा: विटामिन–डी की मात्रा खून में 75 नैनो ग्राम हो तो ही इसे सही माना जाता है। डॉक्टरों के अनुसार खून में विटामिन–डी की मात्रा अगर 50 नैनो ग्राम से कम पाई जाती है तो उस शख्स को विटामिन–डी की कमी का शिकार माना जाता हैं। ऐसे मरीजों को अपने खानपान में विटामिन ड़ी वाले खाद्य पदार्थों का सेवन बढ़ाकर इसकी कमी को पूरा करने की कोशिश करनी चाहिए।

घरेलू उपाय:

  • विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत सूरज से मिलने वाली धूप है इसलिए आप चाहें तो रोजाना 30 से 35 मिनट तक धूप में बैठ सकते हैं। इसके लिए सुबह की हल्की धूप ज्यादा उपयोगी रहती है।
  • दूध‚ दही‚ छाछ‚ मखाने‚ गाजर‚ ओटमील‚ मशरूम‚ संतरा‚ अंडे की जर्दी‚ मक्खन‚ मांस‚ सोया उत्पात‚ पनीर और मछली में भी विटामिन डी की अच्छी खासी मात्रा पाई जाती है।
  • विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए इंजेक्शन या टैबलेट डॉक्टरी सलाह के बाद लिए जा सकते हैं।
     


प्रभा किरण

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