बेकाबू डिजिटल मीडिया की निगरानी को सशक्त प्रणाली बने : संसदीय समिति

December 1, 2021

संसदीय सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी स्थायी समिति ने सरकार को सुझाव दिया है कि वह सभी पक्षों के साथ पर्याप्त रूप से परामर्श कर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार को पूरी तरह से संरक्षित रखते हुए डिजिटल मीडिया पर निगरानी के लिए सशक्त प्रणाली तैयार करे।

कांग्रेस सांसद एवं समिति के सभापति शशि थरूर ने लोकसभा में अपनी रिपोर्ट पेश की।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय से भारत में प्रेस के मानक को बनाए रखने और बढ़ावा देने के लिये भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) द्वारा सेंसर किए गए मामलों पर कार्रवाई करने के मकसद से ब्यूरो आफ आउटरीच एंड कम्यूनिकेशन (बीओसी) के लिए कोई समय सीमा निर्धारित करने को कहा गया है।   

संसदीय समिति ने कहा कि वह इस बात से व्यथित है कि ऐसे कई मामलों में दोषी समाचार पत्र पीसीआई द्वारा सेंसर किये जाने के बाद भी वही गलतियां दोहराते हैं। 

रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने कहा, यह गंभीर चिंता का विषय है कि मीडया जो कभी लोकतंत्र में नागरिकों के हाथों में सबसे भरोसेमंद हथियार था और जनता के न्यासी के रूप में कार्य करता है, वह धीरे-धीरे अपनी विसनीयता और सत्यनिष्ठा खो रहा है, जहां मूल्यों और नैतिकता को अपने अनुकूल बनाया जा रहा है।’



रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने कहा कि मीडिया द्वारा पेड न्यूज, फर्जी खबर, टीआरपी में हेराफेरी, मीडिया परीक्षण, सनसनी फैलाने, पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग आदि के रूप में परिलक्षित आचार संहिता के उलंघन के बड़े पैमाने पर उदाहरणों ने लोगों के मन में इसकी विश्वसनीयता पर बड़ा सवालिया निशान लगा दिया है जो लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है।  इसमें कहा गया है कि एक अच्छा लोकतंत्र जनता की भागीदार पर फलता-फूलता है जो जिम्मेदार मीडिया द्वारा सही सूचना के प्रसार के माध्यम से संभव है।  

समिति ने कहा कि मीडिया का इतना प्रभाव है कि वह किसी भी व्यक्ति, संस्था या किसी भी विचार को बना या बिगाड़ सकता है। इसमें कहा गया, मीडिया अपने विशेषाधिकार, कर्तव्यों और दायित्वों से आंखें नहीं फेर सकता। पत्रकारिता एक ऐसा पेशा है, जो सेवा करता है। इस कारण दूसरों से प्रश्न करने का विशेषाधिकार प्राप्त हुआ है। तथापि, इन विशेषाधकार का प्रयोग करने के लिए, मीडिया को सूचना एकत्र करने और प्रसारित करने में कुछ नैतिक मानदंड का पालन करना अनिवार्य है।


सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली

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