केंद्र की ‘आर्थिक महामारी’ के शिकार बने गरीब : कांग्रेस

January 25, 2022

कांग्रेस ने आर्थिक असमानता बढ़ने का दावा करने वाले एक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए सोमवार को आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार की ‘आर्थिक महामारी’ के शिकार देश के गरीब और मध्यम वर्ग के लोग बने हैं।

मुख्य विपक्षी दल ने कहा कि इस बार का आम बजट गरीबी और अमीरी के बीच खाई को पाटने पर केंद्रित हो तथा सरकार ‘ग्रॉस इकनॉमिक मिसमैनेजमेंट इंडेक्स’ (सकल आर्थिक कुप्रबंधन सूचकांक) की शुरुआत करे, ताकि आर्थिक असामनता की सच्चाई सामने आ सके।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘कोरोना महामारी पूरे देश ने झेली, लेकिन गरीब वर्ग व मध्यम वर्ग मोदी सरकार की ‘आर्थिक महामारी’ के भी शिकार है। अमीर-गरीब के बीच बढ़ती ये खाई खोदने का श्रेय केंद्र सरकार को जाता है।’
‘पीपल्स रिसर्च ऑन इंडियाज कंज्यूमर इकॉनमी’ के सव्रेक्षण में कहा गया है कि गत पांच वर्षों में सबसे गरीब 20 प्रतिशत भारतीय परिवारों की सालाना घरेलू आय करीब 53 प्रतिशत कम हो गई। इसी तरह, निम्न मध्यम वर्ग के 20 प्रतिशत लोगों की घरेलू आय भी 32 प्रतिशत घट गई। इस सव्रेक्षण के अनुसार, गत पांच वर्षों के दौरान देश के सबसे अमीर 20 प्रतिशत लोगों की आय 39 प्रतिशत बढ़ गई।

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी इस सव्रेक्षण को लेकर ट्वीट किया, मोदी सरकार सिर्फ अमीरों के लिए है! यह अब सामने है-गरीब और गरीब-‘हम दो हमारे दो’ की चांदी। पिछले 5 साल में-सबसे गरीब लोगों की आय 53 प्रतिशत कम, निम्न मध्यम वर्ग की आय 32 प्रतिशत कम, अमीरों की आय 39 प्रतिशत बढ़ी। गरीब-मध्यम वर्ग पर मार, मोदी सरकार है अमीरों की सरकार!
पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, पहले ऑक्सफैड इंडिया की रिपोर्ट आई। अब ‘पीपल्स रिसर्च ऑन इंडियाज कंज्यूमर इकॉनमी’ की ओर से किया गया सव्रेक्षण सामने आया है, जिससे साबित होता है कि मोदी सरकार में अमीरी और गरीबी के बीच खाई बढ़ती जा रही है।


सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली

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