Parliament: अडानी मसले पर हंगामे के कारण संसद की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित

February 6, 2023

हिंडनबर्ग और अडानी समूह की जांच के मसले पर सोमवार को भी सदन में विपक्षी दलों का हंगामा जारी रहा। हंगामे और नारेबाजी के कारण संसद की कार्यवाही को दोपहर बाद 2 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा।

सोमवार को विपक्षी सांसदों के हंगामे और नारेबाजी के बीच लोक सभा अध्यक्ष बिरला ने प्रश्नकाल की कार्यवाही चलाने की कोशिश की। उन्होंने विपक्षी सांसदों से उनके चैंबर में आकर चर्चा करने की अपील करते हुए कहा कि सदन के वेल में आकर नियोजित तरीके से सदन स्थगित करवाना सही नहीं है। सदन की गरिमा और मर्यादा का ध्यान रखने की अपील करते हुए बिरला ने तल्ख शब्दों में पूछा कि क्या जनता ने उन्हें हंगामा और नारेबाजी करने के लिए सदन में भेजा है। लेकिन विपक्षी सांसद स्पीकर की अपील को अनसुना करते हुए अपनी मांग पर अड़े रहे। हंगामा लगातार जारी रहा, विपक्षी सांसद लगातार नारेबाजी कर रहे थे, इसे देखते हुए लोक सभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को दोपहर बाद 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।

आपको बता दें कि, सोमवार को दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होने से पहले कांग्रेस, डीएमके, सपा, जेडीयू, बीआरएस, एनसीपी, आरजेडी, सीपीआई और सीपीएम सहित कई अन्य विपक्षी दलों ने बैठक कर दोनों सदनों में सरकार को घेरने की रणनीति तैयार की थी।

इसके बाद सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही विपक्षी दलों ने संसद भवन परिसर में गांधी मूर्ति के पास सरकार के रवैये के खिलाफ धरना प्रदर्शन करते हुए हिंडनबर्ग और अडानी समूह की जांच के लिए जेपीसी का गठन करने या फिर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच करवाने की मांग की।

पिछले सप्ताह, गुरुवार और शुक्रवार को भी अडानी के मसले पर हुए विपक्षी दलों के हंगामे के कारण सदन में कोई कामकाज नहीं हो पाया था।

विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित

राज्यसभा में सोमवार को विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों ने सूचीबद्ध कामकाज को नियम 267 के तहत निलंबित कर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा किया जिसकी वजह से उच्च सदन की कार्यवाही आरंभ होने के कुछ ही देर बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरु होने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने पूर्व सदस्य अब्दुस समद सिद्दिकी के निधन का जिक्र किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद उन्होंने जरूरी दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए।

सभापति ने दस्तावेज पटल पर रखवाने के बाद बताया कि उन्हें विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस के प्रमोद तिवारी, द्रविड मुनेत्र कषगम के तिरुचि शिवा सहित दस सदस्यों की ओर से, नियम 267 के तहत नियत कामकाज निलंबित करने और उनके मुद्दों पर चर्चा के लिए नोटिस मिले हैं।

धनखड़ ने कहा कि कांग्रेस सदस्य के सी वेणुगोपाल सहित दो सदस्यों के नोटिस विलंब से मिले हैं। उन्होंने कहा कि आसन द्वारा दी गई व्यवस्था के अनुरूप नहीं होने की वजह से ये नोटिस स्वीकार नहीं किए गए। इस पर विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया।

सभापति ने कहा कि शून्यकाल के लिए सदस्यों द्वारा दिए गए नोटिस स्वीकार किए गए हैं और सदस्य अपने अपने मुद्दे इसके तहत उठाएं। उन्होंने वाईएसआर सदस्य वी विजय साई रेड्डी को शून्यकाल के तहत अपना मुद्दा उठाने के लिए कहा।

हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों से सभापति ने कहा ‘‘यह उच्च सदन है। मैंने पहले भी बार-बार कहा है और एक बार फिर कह रहा हूं कि सदन में जनहित के मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए। पूरे देश की निगाहें हम पर हैं। स्थापित परंपरा और दिशानिर्देशों में स्पष्ट कहा गया है कि सदन में व्यवस्था होनी चाहिए। हम जनता की आकांक्षाओं का सम्मान नहीं कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा ‘‘मैं लोकतंत्र और संविधान के नाम पर सदस्यों से अपील करता हूं कि सदन की कार्यवाही चलने दें। हर दिन आपको मुद्दे उठाने का मौका दिया जाता है। आप नियमों को तोड़ने की कोशिश न करें। हर दिन का उपयोग जनहित से जुड़े मुद्दे उठाने में किया जा सकता है।’’

हंगामा कर रहे सदस्यों से कार्यवाही चलने देने की अपील करते हुए धनखड़ ने कहा ‘‘आप नियत कामकाज होने दें। यह समय हमारे लिए आम आदमी से जुड़े मुद्दे उठाने का है, वह उठाने दें।’’

सदन में व्यवस्था बनते न देख सभापति ने 11 बज कर करीब 12 मिनट पर बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।


आईएएनएस/ भाषा
नई दिल्ली

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