राजस्थान के उदयपुर जिले के आदिवासी इलाके में मौसमी बीमारियों की वजह से एक के बाद एक कई मरीजों की मौत हो रही है।
इसको लेकर चिकित्सा विभाग अलर्ट हो गया है। इस पर डिप्टी सीएमएचओ दीपक जैन ने प्रतिक्रिया दी।
दरअसल, उदयपुर जिले के देवला के घाटा ग्राम पंचायत में करीब एक महीने में अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी हैं। मरने वालों में अधिकांश बच्चे हैं। आदिवासी इलाके में हो रही मौतें मौसमी बीमारियों से हो रही हैं या फिर यह कुछ और कारण है, इसका अभी तक खुलासा नहीं हो पाया है। लेकिन, ग्रामीण इसे रहस्यमय बीमारी के तौर पर देख रहे हैं।
लगातार हो रही मौतों से स्थानीय लोग भयभीत हैं। बताया जा रहा है कि इन 17 लोगों में से 16 की मौत बंगाली चिकित्सकों के गलत इलाज से हुई है। इस गंभीर स्थिति की सरपंच निकाराम गरासिया ने प्रशासन को जानकारी दी है
मामला प्रकाश में आने के बाद चिकित्सा विभाग अलर्ट हो गया है और घाटा ग्राम पंचायत के चार गांवों में चिकित्सा शिविर लगाए गए हैं। डिप्टी सीएमएचओ दीपक जैन ने बताया कि शनिवार को चिकित्सा विभाग को सूचना प्राप्त हुई थी, इसके बाद से विभाग इसको लेकर मुस्तैद है।
उन्होंने बताया कि कोटड़ा से भी चिकित्सा विभाग की टीम मौके पर पहुंची है. घर-घर जाकर मरीजों का इलाज किया जा रहा है। चिकित्सा विभाग पूरे मामले की जांच रहा है। मौतें मौसमी बीमारियों से भी संभव है। वहीं, अब तक 400 से अधिक मरीजों का उपचार किया जा चुका है।
दीपक जैन ने बताया कि अलग-अलग टीम बनाकर घर-घर सर्वे कराया जा रहा है। जितनी भी मौतों की सूचना मिली है, उनके घर-घर जाकर वेरिफिकेशन कराया जा रहा है। इसकी मॉनिटरिंग स्वंय चिकित्सा अधिकारी प्रभारी कर रहे हैं। लगातार हो रही मौतों को लेकर पूरा विभाग अलर्ट है, निगरानी की जा रही है और तथ्यात्मक रिपोर्ट बनाई जा रही है। आगामी कई दिनों तक ये कार्य निरंतर जारी रहेगा।
आईएएनएस उदयपुर |
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