प्रति व्यक्ति कम आय के लिए पूर्ववर्ती सरकारें दोषी : योगी

February 28, 2020

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय कम होने के लिए पूर्ववर्ती सरकारों को जिम्मेदार ठहराया।

योगी ने विधान परिषद में वित्तीय वर्ष 2020-21 के आम बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए बताया कि प्रदेश में इस वक्त प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत के मुकाबले लगभग आधी ही है। मगर हमारी सरकार जब 2022 में अपना कार्यकाल पूरा करेगी, तब तक यह राष्ट्रीय औसत को छूने लगेगी।
योगी ने कहा कि नीति आयोग ने विकास के लिए छह मानक तैयार किए हैं। इनमें स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, सिंचाई एवं जल संसाधन, क्षमता विकास और वित्तीय समावेशन शामिल हैं। इन सभी पर हमारी सरकार ने मुस्तैदी से काम शुरू किया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने पूरे देश में 112 आकांक्षात्मक जनपद चुने हैं। उनमें से आठ जिले उत्तर प्रदेश के हैं। ये जिले इस समय विकास के मामले में राष्ट्रीय औसत के करीब हैं।

पूर्ववर्ती सरकारों पर लगाया भेदभाव का आरोप : मुख्यमंत्री ने आंकड़े देते हुए कहा कि नोएडा में प्रति व्यक्ति आय छह लाख 17 हजार रुपए है, जबकि बलरामपुर की प्रति व्यक्ति आय महज 3200 रुपए है। उन्होंने कहा कि जिस तरह नोएडा का विकास हुआ, उसी तरह बलरामपुर, चित्रकूट और चंदौली का विकास भी हो सकता था। यह विषमता क्यों है? उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने बजट को संतुलित करने का प्रयास नहीं किया, यह विषमता इसीलिए है।
मुख्यमंत्री ने पूर्ववर्ती सरकारों पर विकास योजनाओं का लाभ देने में भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कभी-कभी हमें सपा, बसपा और कांग्रेस के लिए ‘सबका‘ शब्द का प्रयोग करना पड़ता है। हम कहते हैं ‘‘सबका साथ, पूरे प्रदेश का विनाश।’’ योगी ने कहा कि हमारे एजेंडा में प्रदेश की 23 करोड़ जनता होनी चाहिए। मैं सबसे अपील करूंगा कि यह बजट सकारात्मक सोच के साथ पेश किया गया है। लिहाजा, इसे पारित करने में सभी पक्ष सहयोग करें।


भाषा
लखनऊ

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