उम्मीदों के सरमाये में आत्मविास से भरी भारतीय महिला हॉकी टीम विश्व कप के पूल बी के अपने पहले मुकाबले में रविवार को इंग्लैंड के खिलाफ उतरेगी तो उसका इरादा टोक्यो में मिली हार का बदला चुकता करने का होगा ।
टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक के मुकाबले में इंग्लैंड ने भारत को 4 . 3 से हराकर ऐतिहासिक पदक जीतने से वंचित कर दिया था।
विश्व कप के पहले भारतीय टीम के हौसले बुलंद है चूंकि वह एफआईएच प्रो लीग में पहली बार खेलते हुए तीसरे स्थान पर रही।
विश्व कप में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1974 में पहले ही सत्र में रहा जब टीम चौथे स्थान पर रही थी। टोक्यो में चौथे स्थान पर रहने के बाद हालांकि भारतीय महिला टीम के प्रदर्शन का ग्राफ ऊंचा ही जा रहा है।
मई में भारतीय टीम एफआईएच रैंकिंग में छठे स्थान पर पहुंची जो उसका अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इसके अलावा प्रो लीग में बड़ी टीमों को कड़ी चुनौती दी।
भारतीय टीम एफआईएच प्रो लीग में बेल्जियम, आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड से आगे रही। अनुभवी गोलकीपर सविता पूनिया ने कमान बखूबी संभाली है।
चोट के कारण रानी रामपाल टोक्यो ओलंपिक के बाद से टीम से बाहर है। सविता खुद शानदार फॉर्म में हैं और उनका साथ देने के लिये युवा गोलकीपर बिछू देवी खारीबाम है।
भाषा एम्सटेलवीन |
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