अश्विन, कुलदीप के लिए पिछले आस्ट्रेलियाई दौरे का अनुभव अहम

November 23, 2020

आस्ट्रेलिया दौरे पर गई मौजूदा भारतीय टेस्ट टीम थोड़ी भाग्यशाली है कि इस बार उसके पास वे दो स्पिनर हैं, जिन्होंने पिछली बार आस्ट्रेलिया का दौरा किया था।

इससे पहले का दौरा अलग होता था और इससे खिलाड़ियों, खासकर स्पिनरों के लिए चीजें मुश्किल हो गई थीं। जब तक, वे परिस्थितियों और पिचों के साथ तालमेल बिठाएंगे, तब तक दौरा समाप्त हो जाएगा। पहले के स्पिनर इससे जूझ चुके हैं।

भारत के दो बेहतरीन स्पिनर कुलदीप यादव और रविचंद्रन अश्चिन में से किसी एक को 17 दिसंबर से एडिलेड में शुरू होने वाले पहले टेस्ट मैच में मौका दिया जा सकता है।



भारत ने 2018-19 में पिछली बार जब आस्ट्रेलिया का दौरा किया था तो कुलदीप ने जनवरी में सिडनी टेस्ट की पहली पारी में पांच विकेट लिए थे। उनके अलावा अश्विन ने एडिलेड में दोनों पारियों में छह विकेट चटकाए थे। लेकिन इस बार टीम में जगह बनाने के लिए अश्विन को कुलदीप से मुकाबला करना होगा।



2003-04 और 2007-08 में दो बार आस्ट्रेलिया का दौरा कर चुके पूर्व भारतीय आफ स्पिनर हरभजन सिंह ने इस बात को विस्तारपूर्वक बताया है कि क्यों आस्ट्रेलिया में गेंदबाजी करनी मुश्किल है।

हरभजन ने आईएएनएस से कहा, " आस्ट्रेलिया में गेंदबाजी करना मुश्किल होता है क्योंकि जब तक आप वहां की विकेटों से तालमेल बिठाएंगे, तब तक दौरा खत्म होने को होगा। आप हर चार-पांच साल में दौरा करेंगे। उनके स्पिनरों को ज्यादा सफलता मिलेगी क्योंकि वे बेहतर तरीके से परिस्थितियों को जानते हैं और वह उनका घर है।"

हरभजन ने स्पिनरों को सलाह देते हुए कहा, " स्पिनरों को जल्द से जल्द अपनी लेंथ के साथ तालमेल बिठाने की जरूरत होगी। साथ ही उन्हें साइड स्पिन पर निर्भर नहीं रहना चाहिए क्योंकि आप ऐसा नहीं कर पाएंगे। अगर ऐसा होता है तो इससे फायदा मिलेगा। लेकिन आपको इस पर ज्यादा निर्भर नहीं रहना है। उछाल हासिल करने के लिए भारतीय स्पिनरों को थोड़ा स्लो गेंदबाजी करने की जरूरत है।"


आईएएनएस
नई दिल्ली

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