
एकल उपयोग वाली प्लास्टिक (एसयूपी) की तय वस्तुओं पर शुक्रवार से प्रतिबंध की शुरुआत के साथ राज्य सरकारें एक प्रवर्तन अभियान शुरू कर इस तरह की वस्तुओं के निर्माण, वितरण , भंडारण और बिक्री से जुड़ी इकाइयों को बंद कराने की पहल करेंगी।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
इसमें पर्यावरण संरक्षण अधिनियम (ईपीए) की धारा-15 और संबंधित नगर निगमों के उपनियमों के तहत ज़ुर्माना, जेल की अवधि या दोनों शामिल हैं।
प्रतिबंध को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए, राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं।
प्रतिबंधित एसयूपी वस्तुओं के निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग की जांच के लिए विशेष प्रवर्तन दल गठित किए गए हैं।
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को किसी भी प्रतिबंधित एसयूपी वस्तु की अंतरराज्यीय आवाजाही को रोकने के लिए सीमा चौकियां स्थापित करने का आदेश दिया गया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने प्लास्टिक के उपयोग को रोकने में मदद करने के लिए नागरिकों की मदद लेने के लिए एक शिकायत निवारण एप भी शुरू किया है।
भाषा नई दिल्ली |
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