
आचार्य गौतम ने बताया कि आकाश में रंग-बिरंगी अठखेलियां करती पतंग को देख हर किसी का मन पतंग उड़ाने के लिए लालायित हो उठता है। हर साल मकर संक्रांति के दिन लोग चूड़ा-दही खाने के बाद मकानों की छतों और खुले मैदानों में पतंग उड़ाकर दिन का मजा लेते हैं।
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