महाशिवरात्रि: जब रुद्र के रूप में प्रकट हुए शिव


महाशिवरात्रि: जब रुद्र के रूप में प्रकट हुए शिव

दूसरे दिन भी उसने कथा सुनी। चतुर्दशी को उसे इस शर्त पर छोड़ा गया कि दूसरे दिन वह कर्ज पूरा कर देगा। उसने सोचा रात को नदी के किनारे बैठना चाहिए। वहां जरूर कोई न कोई जानवर पानी पीने आएगा। अत: उसने पास के बेल वृक्ष पर बैठने का स्थान बना लिया। उस बेल के नीचे शिवलिंग था। जब वह अपने छिपने का स्थान बना रहा था, उस समय बेल के पत्तों को तोड़कर फेंकता जाता था जो शिवलिंग पर ही गिरते थे। वह दो दिन का भूखा था। इस तरह से वह अनजाने में ही शिवरात्रि का व्रत कर ही चुका था साथ ही शिवलिंग पर बेल-पत्र भी अपने आप चढ़ते गए।

   
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