इस भगदड़ में अपने मित्र अरुण पी सिंह (30) को खो देने वाले एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि वे उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से आए थे और भवन में बहुत भीड़ थी। उन्होंने कहा, ‘मैं करीब 10 साल पहले मंदिर आया था, लेकिन इस बार भारी भीड़ देखकर मुझे हैरानी हुई। इस त्रासदी के बाद हम असहाय थे और हमें तड़के छह बजे तक कोई मदद नहीं मिली।’ बिहार के मुजफ्फरपुर की रानी देवी ने कहा कि वह भाग्यशाली हैं कि इस भगदड़ में उनकी मौत नहीं हुई।
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