फलाहार

October 13, 2021

फल शरीर पर जादुई असर कर सकते हैं।

आपकी जीवन पद्धति कैसी भी हो, आप अत्यंत जीवंत और सक्रिय हो सकते हैं, लेकिन अगर आप ऐसी गतिविधि में हैं जिसमें शारीरिक श्रम बहुत अधिक है, जैसे अगर आप रोज बाहर जमीन खोदने का काम करते हैं, मशीन से नहीं बल्कि शारीरिक रूप से और बहुत कठिन मेहनत करते हैं तो आप को हर दो घंटे पर भूख लग जाएगी।

आप पेट भर फल खा सकते हैं, लेकिन वे इतनी जल्दी पच जाएंगे कि आप को अपना पेट खाली ही लगेगा। अगर आप पूरी तरह से फलों का ही भोजन करते हैं तो आप को खाना खाते समय ज्यादा समय लगाना होगा और धीरे-धीरे खाना होगा, जिससे आप पर्याप्त मात्रा में फल खा सकें।

आप को थोड़े फल खाने से ही पेट भरा हुआ लगेगा क्योंकि फल मीठे होते हैं। हमारे अंदर एक जैविक घड़ी होती है। मान लीजिए, आप अपना सामान्य, पका हुआ भोजन खाने में 10-12 मिनट लेते हैं और अगर आप सिर्फ  फल खा रहे हैं तो जैसे ही 10-12 मिनट का समय पूरा होगा, आप का शरीर कहेगा, आप ने पर्याप्त खा लिया है। इसीलिए, आप को जागरूकता पूर्वक ज्यादा खाना है, क्योंकि शरीर यह नहीं देखता कि कितना खाया है, वह बस समय देखता है।

अगर आप सिर्फ  फलों का भोजन ले रहे हैं और आप बहुत ज्यादा सक्रिय हैं, तो आप को दिन में तीन बार भोजन करने की आवश्यकता पड़ सकती है। यदि आप छह से आठ घंटे सोते हैं तो बाकी के 16 से 18 घंटे के समय के लिए तीन बार सिर्फ  फल खाना आप के लिए पर्याप्त है, लेकिन पेट तो दो घंटे में ही खाली महसूस करेगा। इसलिए आप को बड़ी ऊर्जा और खाली पेट की आदत डालनी पड़ेगी।

ये वो समय है जब आप का दिमाग सबसे बढ़िया काम करेगा। आप चाहे ज्यादा दिमागी काम करते हों या शारीरिक गतिविधि, फलाहार आपके लिए बहुत अच्छा रहेगा। सबसे ज्यादा महत्त्वपूर्ण बात यह है कि पर्यावरण की दृष्टि से भी यह भोजन एक समझदारी का काम है।

हर किसी को अपने खाने का कम-से-कम 30 फीसद भाग फलों के रूप में लेना चाहिए। अगर आपका 30 फीसद भोजन वृक्षों से आता है, न कि फसल और जोती गई जमीन से, तो सारे वि के लिए पर्यावरण की दृष्टि से बड़ा अंतर आ जाएगा।




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