
दक्षिण कोरिया के लाखों लोग अपना नया राष्ट्रपति चुनने के लिए मंगलवार को अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं।
देश में रुढ़िवादी यून सुक येओल को बर्खास्त करने के बाद राष्ट्रपति पद के लिए मध्यावधि चुनाव रहे रहे हैं। उन्होंने दिसंबर में कुछ वक्त के लिए मार्शल लॉ लागू किया था जिसके बाद उन्हें मुकदमे का सामना करना पड़ा था।
चुनाव-पूर्व सर्वेक्षणों से संकेत मिला कि यून के उदारवादी प्रतिद्वंद्वी एवं डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता ली जे-म्यूंग, आसान जीत की ओर अग्रसर हैं, क्योंकि यून के मार्शल लॉ के बाद रूढ़िवादियों के प्रति जनता में गहरी निराशा व्याप्त है।
मुख्य रूढ़िवादी उम्मीदवार किम मून सू को संतुलित सोच वाले वोटर व बदलते रुझान वाले मतदाताओं का दिल जीतने में संघर्ष करना पड़ रहा है। उनकी पीपुल्स पावर पार्टी, यून के कार्यों को किस प्रकार देखा जाए, इस विषय पर आंतरिक कलह के दलदल में फंसी हुई है।
पिछले छह महीनों में यून की निंदा या समर्थन करने के लिए बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे जबकि महाभियोग और उसके बाद उनकी औपचारिक बर्खास्तगी के कारण पैदा हुई नेतृत्व शून्यता ने देश की उच्चस्तरीय कूटनीतिक गतिविधियों और वित्तीय बाजारों को हिलाकर रख दिया।
डेमोक्रेटिक पार्टी के ली जे-म्यूंग ने वादा किया कि वह सत्ता में आने पर राष्ट्रीय एकता के लिए काम करेंगे। चार अन्य नेता भी चुनाव मैदान में हैं।
ली ने 2022 के राष्ट्रपति चुनाव में यून से करीबी मुकाबले में हार का सामना किया था और उन्होंने यून के मार्शल लॉ के फैसले को पलटने और उन पर महाभियोग की कार्रवाई में अहम भूमिका निभाई थी।
नव-निर्वाचित राष्ट्रपति बुधवार को शपथ लेंगे।
एपी सियोल |
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