दक्षिण-पश्चिम मानसून की बुधवार को दिल्ली से विदाई हो गई। दक्षिण-पश्चिम मानसून के कारण ही इस साल देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश हुई।
आमतौर पर, मानसून 17 सितंबर तक उत्तर-पश्चिम भारत से लौटना शुरू कर देता है और एक सप्ताह के भीतर दिल्ली को अलविदा कह देता है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने एक बयान में कहा, ‘‘आज दक्षिण-पश्चिम मानसून जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों, पश्चिमी मध्यप्रदेश और पूर्वी राजस्थान और पश्चिमी राजस्थान के कुछ और हिस्सों से विदा हो गया।’’
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने मंगलवार को डिजिटल माध्यम से किए गए संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अधिक और तीव्र निम्न दबाव प्रणालियों के परिणामस्वरूप 2024 के मानसून के दौरान भारत में सामान्य से आठ प्रतिशत अधिक बारिश हुई।
दक्षिण-पश्चिम मानसून आधिकारिक तौर पर सोमवार को समाप्त हो गया। इस दौरान देश में सामान्य 868.6 मिलीमीटर की तुलना में 934.8 मिलीमीटर बारिश हुई जो 2020 के बाद से सबसे अधिक है।
दिल्ली में 2024 के मानसून में सामान्य 640.3 मिलीमीटर की तुलना में 1029.9 मिलीमीटर बारिश हुई।
आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, बाढ़ और भारी बारिश के कारण राष्ट्रीय राजधानी में 13 मौतें हुईं।
आईएमडी के आंकड़ों से पता चलता है कि इस मानसून में देश में 14 कम दबाव वाली प्रणाली का प्रभाव रहा, जबकि औसतन इनकी संख्या 13 रहती है। ये प्रणालियां सामान्य 55 दिन की तुलना में कुल 69 दिन तक सक्रिय रहीं।
भाषा नई दिल्ली |
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