Dhanvantari Jayanti: धन्वंतरि जयंती पर PM मोदी ने देश को समर्पित की स्वास्थ्य सेवाएं, 12850 करोड़ के शुरू किए कई प्रोजेक्ट

October 29, 2024

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को 9वें आयुर्वेद दिवस के अवसर पर लगभग 12,850 करोड़ रुपये की लागत वाली स्वास्थ्य क्षेत्र से सम्बंधित विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।

नौवें आयुर्वेद दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धनतेरस और धन्वंतरि जयंती की शुभकामनाएं दी।

राजधानी स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA) में आयोजित एक कार्यक्रम में मोदी ने आयुष्‍मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में 70 वर्ष और इससे अधिक आयु के नागरिकों को भी शामिल करने की योजना की शुरुआत भी की। इससे सभी आय वर्गों के वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं सुलभ होंगी।

इस अवसर पर मोदी ने भारत के पहले अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के दूसरे चरण का उद्घाटन किया। इस चरण में, एक पंचकर्म अस्पताल, औषधि निर्माण के लिए एक आयुर्वेदिक फार्मेसी, एक खेल चिकित्सा इकाई, एक केंद्रीय पुस्तकालय, एक आईटी और स्टार्ट-अप इनक्यूबेशन सेंटर और 500 सीटों वाला ऑडिटोरियम शामिल है।

'14 वर्षों नहीं, 500 वर्षों बाद पूरी हो रही प्रतीक्षा', पीएम मोदी ने इस दीपावली को बताया खास

नौवें आयुर्वेद दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धनतेरस और धन्वंतरि जयंती की शुभकामनाएं दी। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में अयोध्या धाम की भी चर्चा की।  

उन्होंने कहा कि हम लोगों ने बहुत दीपावली देखी है। लेकिन, यह दीपावली ऐतिहासिक है। 500 साल बाद ऐसा अवसर आया है, जब अयोध्या में रामलला की जन्मभूमि पर बने उनके मंदिर में भी हजारों दीप जलाए जाएंगे। एक अद्भुत उत्सव होगा। यह ऐसी दीपावली होगी, जब हमारे राम एक बार फिर अपने घर आए हैं। इस बार यह प्रतीक्षा 14 वर्ष बाद नहीं, बल्कि 500 वर्ष बाद पूरी हो रही है।

पीएम मोदी ने कहा कि धनतेरस के दिन सौभाग्य और स्वास्थ्य का यह उत्सव सिर्फ संयोग नहीं है, बल्कि भारतीय संस्कृति के जीवन-दर्शन का प्रतीक है। हमारे ऋषियों ने कहा है कि 'आरोग्यम परमं भाग्यं' यानी आरोग्य ही परम भाग्य व परम धन है। हम सबके लिए खुशी की बात है कि आज 150 से अधिक देशों में आयुर्वेद दिवस मनाया जा रहा है। ये प्रमाण है, आयुर्वेद को लेकर बढ़ रहे वैश्विक आकर्षण का। ये प्रमाण है, नया भारत अपने प्राचीन अनुभवों से विश्व को कितना कुछ दे सकता है।

पीएम मोदी ने कहा कि जिस देश के नागरिक जितने स्वस्थ होंगे, उस देश की प्र​गति की गति भी तेज होगी, इसी सोच के साथ अपने नागरिकों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य नीति के पांच स्तंभ तय किए हैं, पहला- प्रिवेंटिव हेल्थकेयर यानी बीमारी होने से पहले का बचाव, दूसरा- समय पर बीमारी की जांच, तीसरा- मुफ्त और सस्ता इलाज, सस्ती दवाएं, चौथा- छोटे शहरों में अच्छा इलाज, डॉक्टरों की कमी दूर करना और पाचवां- स्वास्थ्य सेवा में टेक्नोलॉजी का विस्तार।

उन्होंने कहा कि सरकार ने तय किया, गरीब के 5 लाख रुपये तक के इलाज का खर्च सरकार उठाएगी। देश में लगभग 4 करोड़ गरीबों ने आयुष्मान भारत योजना का लाभ उठाया है। एक समय था, जब इलाज में लोगों के घर, जमीन, गहने सब बिक जाते थे। गंभीर बीमारी के इलाज का खर्च सुनते ही गरीब की आत्मा कांप जाती थी। पैसे की कमी की वजह से इलाज न करा पाने की बेबसी, बेचारगी गरीब को तोड़कर रख देती थी। मैं अपने गरीब भाई-बहनों को इस बेबसी में नहीं देख सकता था, इसलिए ही 'आयुष्मान भारत' योजना ने जन्म लिया है। अब 70 वर्ष से अधिक उम्र के देश के हर बुजुर्ग का अस्पताल में मुफ्त इलाज मिलेगा। ऐसे बुजुर्गों को आयुष्मान वय वंदना कार्ड दिया जाएगा। ये योजना मील का पत्थर साबित होगी। घर के बुजुर्ग के पास आयुष्मान वय वंदना कार्ड होगा, तो परिवार के खर्चे भी कम होंगे, उनकी चिंता भी कम होगी।

पीएम मोदी ने कहा कि चुनाव के समय मैंने गारंटी दी थी कि तीसरे कार्यकाल में 70 वर्ष से ऊपर के सभी बुजुर्गों को 'आयुष्मान योजना' के अंतर्गत लाया जाएगा। आज धनवंतरी जयंती के दिन ये गारंटी पूरी हो रही है।

इस दौरान पीएम मोदी ने दिल्ली और पश्चिम बंगाल के बुजुर्गों से माफी मांगी। उन्होंने कहा कि मैं दिल्ली और पश्चिम बंगाल के 70 साल के ऊपर के जितने बुज़ुर्ग हैं, उनसे क्षमा मांगता हूं कि मैं आपकी सेवा नहीं कर पा रहा हूं। मैं उनसे क्षमा मांगता हूं कि मुझे पता तो चलेगा कि आपको कष्ट है, लेकिन, मैं आपको सहाय नहीं कर पाउंगा। इसका कारण है दिल्ली और पश्चिम बंगाल में सरकार है, वो इस आयुष्मान योजना से जुड़ नहीं रही है। अपनी राजनीतिक स्वार्थ के लिए अपने ही राज्य के बीमार लोगों के साथ जुल्म करने की ये प्रवृति मानवता की दृष्टि से किसी भी तराजू पर खरी नहीं उतरती है।

उन्होंने मध्य प्रदेश के मंदसौर, नीमच और सिवनी में तीन मेडिकल कॉलेजों के अलावा हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर, पश्चिम बंगाल के कल्याणी, बिहार में पटना, उत्‍तरप्रदेश में गोरखपुर, मध्य प्रदेश में भोपाल, असम में गुवाहाटी और नई दिल्‍ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान (AIIMS) में चिकित्‍सा सेवा के विस्तार और जन औषधि केंद्र का भी उद्घाटन किया।

प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में सरकारी मेडिकल कॉलेज में एक सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक और ओडिशा के बरगढ़ में एक क्रिटिकल केयर ब्लॉक का भी उद्घाटन किया।

उन्होंने मध्य प्रदेश में शिवपुरी, रतलाम, खंडवा, राजगढ़ और मंदसौर में पांच नर्सिंग कॉलेजों की आधारशिला रखी। उन्होंने हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मणिपुर, तमिलनाडु और राजस्‍थान में आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन के तहत 21 गंभीर रोग उपचार केन्‍द्रों का भी शिलान्यास किया।

प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश के इंदौर में कर्मचारी राज्य बीमा निगम-ईएसआईसी अस्पताल का उद्घाटन किया तथा हरियाणा के फरीदाबाद, कर्नाटक के बोम्मासंद्र और नरसापुर, मध्य प्रदेश के इंदौर, उत्तर प्रदेश के मेरठ और आंध्र प्रदेश के अच्युतपुरम में ईएसआईसी अस्पतालों की आधारशिला रखी।

मोदी ने इस अवसर पर ‘यू-विन’ पोर्टल की भी शुरुआत की। इससे टीकाकरण प्रक्रिया डिजिटल बनेगी जिससे गर्भवती महिलाओं और शिशुओं को लाभ होगा।

प्रधानमंत्री ने संबद्ध और स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों तथा संस्थानों के लिए भी एक पोर्टल की शुरूआत की। यह मौजूदा स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों और संस्थानों के लिए केंद्रीकृत डेटाबेस होगा। उन्होंने ओडिशा के भुवनेश्वर के गोथापाटन में एक केंद्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला का उद्घाटन किया।

स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री ने गुजरात के वापी, तेलंगाना के हैदराबाद, कर्नाटक के बेंगलुरु, आंध्र प्रदेश के काकीनाडा और हिमाचल प्रदेश के नालागढ़ में चिकित्सा उपकरणों और बल्क दवाओं के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत पांच परियोजनाओं का उद्घाटन किया।

ये इकाइयां बड़ी मात्रा में महत्वपूर्ण दवाओं के साथ-साथ बॉडी इम्प्लांट और क्रिटिकल केयर उपकरण जैसे उच्च-स्तरीय चिकित्सा उपकरणों का निर्माण करेंगी।

प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम के दौरान ‘देश का प्रकृति परीक्षण अभियान’ भी शुरू किया। इसका उद्देश्य नागरिकों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। उन्होंने जलवायु परिवर्तन के अनुकूल स्वास्थ्य सेवाओं के विकास के लिए प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के लिए जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य पर राज्य-विशिष्ट कार्य योजना की भी शुरूआत की।
 


भाषा/आईएएनएस
नई दिल्ली

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