भारत ने बुधवार को पाकिस्तान से आग्रह किया कि वह 183 भारतीय मछुआरों और असैन्य कैदियों की जेल की सजा पूरी होने के मद्देनजर उनकी रिहाई और स्वदेश वापसी के काम में तेजी लाए।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान से उसकी हिरासत में बंद उन 18 असैन्य कैदियों और मछुआरों को तत्काल राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराने को कहा गया है, जिनके बारे में माना जा रहा है कि वे भारतीय हैं।
भारत ने यह अनुरोध दोनों देशों द्वारा असैन्य कैदियों और मछुआरों की सूचियों के आदान-प्रदान के संदर्भ में किया है। वर्ष 2008 के समझौते के तहत हर वर्ष की पहली जनवरी और पहली जुलाई को इन सूचियों का आदान-प्रदान किया जाता है।
भारत ने अपनी हिरासत में बंद उन 381 असैन्य कैदियों और 81 मछुआरों के नाम साझा किए हैं, जो पाकिस्तानी हैं या जिन्हें पाकिस्तानी माना जाता है। विदेश मंत्रालय के अनुसार इसी तरह पाकिस्तान ने अपनी हिरासत में बंद उन 49 असैन्य कैदियों और 217 मछुआरों के नाम साझा किए हैं, जो भारतीय हैं या जिन्हें भारतीय माना जाता है।
इसने कहा, भारत सरकार ने पाकिस्तान की हिरासत में बंद असैन्य कैदियों, मछुआरों और लापता भारतीय रक्षा कर्मियों की शीघ्र रिहाई और स्वदेश वापसी का आविान किया है।मंत्रालय ने कहा, पाकिस्तान से उन 183 भारतीय मछुआरों और असैन्य कैदियों की रिहाई और स्वदेश वापसी के काम में तेजी लाने को कहा गया है, जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है।
इसने एक बयान में कहा, इसके अलावा, पाकिस्तान से कहा गया है कि वह उसकी हिरासत में मौजूद 18 असैन्य कैदियों और मछुआरों को तत्काल राजनयिक पहुंच प्रदान करे, जिनके बारे में माना जाता है कि वे भारतीय हैं और उन्हें अब तक राजनयिक पहुंच प्रदान नहीं की गई है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत एक-दूसरे के देश में कैदियों और मछुआरों से संबंधित मामलों समेत सभी मानवीय मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाने के लिए प्रतिबद्ध है।
इसने कहा, इस संदर्भ में, भारत ने पाकिस्तान से भारत की हिरासत में बंद 76 पाकिस्तानी असैन्य कैदियों और मछुआरों की राष्ट्रीयता सत्यापन प्रक्रिया में तेजी लाने का आग्रह किया है। मंत्रालय ने कहा कि सरकार के निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप 2014 से अब तक 2,639 भारतीय मछुआरों और 71 भारतीय असैन्य कैदियों को पाकिस्तान से वापस लाया गया है।
समयलाइव डेस्क नई दिल्ली |
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