
विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कि पाकिस्तान ने बृहस्पतिवार की रात एलओसी पर भारी गोलाबारी के साथ घुसपैठ की कोशिश की। इसके जवाब में भारत ने संयम के साथ सटीक कार्रवाई की है।
विदेश मंत्रालय की प्रेस ब्री¨फग में कर्नल सोफिया कुरैशी, विंग कमांडर व्योमिका सिंह और विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने जानकारी दी कि बृहस्पतिवार की रात तंगधार, उरी और उधमपुर जैसे सीमावर्ती इलाकों में पाकिस्तान की ओर से 36 स्थानों को निशाना बनाने का प्रयास किया गया। पाकिस्तान ने करीब 300 से 400 ड्रोन्स से हमला किया था।
सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और वायु सेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि ज्यादातर ड्रोन को ‘काइनेटिक’ और ‘नॉन-काइनेटिक’ तकनीक का इस्तेमाल करके गिराया गया। दोनों सैन्य अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तान ने अपने नागरिक विमानों को ‘ढाल’ के रूप में इस्तेमाल किया, क्योंकि उसने सात मई को भारतीय प्रतिष्ठानों पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला करने के प्रयासों के दौरान अपने नागरिक हवाई क्षेत्र को बंद नहीं किया, क्योंकि उसे अच्छी तरह से पता था कि इन हमलों का भारत की ओर से त्वरित जवाब मिलेगा।
सिंह ने कहा, ‘8-9 मई की रात को पाकिस्तान ने भारतीय हवाई क्षेत्र का बड़े पैमाने पर उल्लंघन किया और लेह से सर क्रीक तक 36 स्थानों पर 300-400 ड्रोन से सैन्य बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने का प्रयास किया।’ उन्होंने कहा, ‘भारतीय बलों ने ‘काइनेटिक’ और ‘नॉन-काइनेटिक’ तकनीक का उपयोग करके कई ड्रोन को निष्क्रिय कर दिया। बठिंडा पर एक सशस्त्र यूएवी हमले को भी विफल कर दिया गया।’ विंग कमांडर ने कहा कि भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए चार पाकिस्तानी वायु रक्षा ठिकानों पर ड्रोन हमले किए, जिसमें एक रडार नष्ट हो गया।
सिंह ने कहा कि बड़े पैमाने पर पाकिस्तानी कार्रवाई का ‘संभावित’ उद्देश्य वायु रक्षा पण्रालियों की पड़ताल करना और खुफिया जानकारी इकट्ठा करना था। उन्होंने कहा, ड्रोन के मलबे की फोरेंसिक जांच की जा रही है। प्रारंभिक रिपोर्ट से पता चलता है कि यह तुर्की का असिसगार्ड सोंगर ड्रोन है। उन्होंने कहा, पाकिस्तान ने नियंतण्ररेखा के पार तोपखाने और ड्रोन हमलों को बढाया, जिससे लोग हताहत हुए।
चिंताजनक बात यह है कि हमले के दौरान पाकिस्तान ने अपना नागरिक हवाई क्षेत्र खुला रखा, जिससे नागरिक उड़ानें खतरे में पड़ गईं। पाकिस्तानी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के चार वायु रक्षा स्थलों पर सशस्त्र ड्रोन से कार्रवाई की। सिंह ने कहा, एक ड्रोन वायु रक्षा रडार को नष्ट करने में सक्षम था। पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के कंधन, उरी, पुंछ, मेंढर, राजौरी, अकुर और उधमपुर में भारी क्षमता वाली तोपों और सशस्त्र ड्रोन का इस्तेमाल करते हुए नियंतण्ररेखा पर गोलाबारी की, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय सेना के कुछ जवान घायल हुए।
उन्होंने कहा, ‘भारत की ओर से जवाबी गोलीबारी में पाकिस्तानी सेना को भी भारी नुकसान हुआ।’ कुरैशी ने कहा, इसके अतिरिक्त, पाकिस्तान का गैरजिम्मेदाराना रवैया फिर से सामने आया, क्योंकि पाकिस्तान ने सात मई को एक नाकाम और बिना किसी कारण के ड्रोन और मिसाइल हमला करने के बावजूद अपने नागरिक हवाई क्षेत्र को बंद नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान नागरिक विमानों को ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहा है, जबकि वह अच्छी तरह जानता है कि भारत पर उसके हमले से हवाई रक्षा के लिए त्वरित प्रतिक्रिया मिलेगी। यह नागरिक विमानों के लिए सुरक्षित नहीं है, जिसमें भारत और पाकिस्तान के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास उड़ान भरने वाले अंतरराष्ट्रीय विमान भी शामिल हैं।’
समयलाइव डेस्क नई दिल्ली |
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