PM Modi Oath Ceremony: भाजपा के वरिष्ठ नेता नरेंद्र मोदी रविवार शाम सवा सात बजे लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद एवं गोपनीयता की शपथ लेंगे।
उनके साथ 50 से 60 लोग भी मंत्री-पद की शपथ लेंगे। इस मुद्दे पर भाजपा और एनडीए नेताओं के बीच अनेक दौर की बैठकें चलीं। शपथ ग्रहण समारोह के लिए देश और विदेश से तमाम मेहमान दिल्ली पंहुच गए हैं।
राष्ट्रपति भवन के मुख्य प्रांगण में शपथग्रहण समारोह की तैयारियां की जा रही हैं। समारोह में एक हजार से अधिक लोगों के शामिल होने की संभावना है।
भाजपा सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री के साथ 50 से 60 मंत्री शपथ ले सकते हैं। इनमें भाजपा कोटे के ज्यादा लोग होंगे। एनडीए घटक दलों से एक-एक सांसद को मंत्री बन सकते हैं।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, वरिष्ठ नेता अमित शाह और राजनाथ सिंह ने तेलुगु देशम पार्टी के एन चंद्रबाबू नायडू, जेडी(यू) के नीतीश कुमार और शिवसेना के एकनाथ शिंदे सहित सहयोगी दलों से परामर्श किया है।
भाजपा सभी बड़े और ढांचागतत, आर्थिक मंत्रालय अपने पास रखेगी और बाकी मंत्रालय एनडीए सहयोगियों को दे सकती है। इन्ही विषयों पर बातचीत जारी है। सहयोगियों को पांच से आठ कैबिनेट पद मिल सकते हैं। पार्टी के भीतर जहां शाह और सिंह जैसे नेताओं का नए मंत्रिमंडल में शामिल होना तय माना जा रहा है, वहीं लोकसभा चुनाव जीतने वाले पूर्व मुख्यमंत्री जैसे शिवराज सिंह चौहान, बसवराज बोम्मई, मनोहर लाल खट्टर, अनिल बलूनी, स्मृति ईरानी और सर्बानंद सोनोवाल सरकार में शामिल हो सकते हैं।
सूत्रों ने बताया कि तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के राम मोहन नायडू, जद(यू) के ललन सिंह, संजय झा और राम नाथ ठाकुर तथा लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के चिराग पासवान उन सहयोगियों में शामिल हैं जो नई सरकार का हिस्सा हो सकते हैं।
महाराष्ट्र, जहां भाजपा-शिवसेना-राकांपा गठबंधन का प्रदर्शन खराब रहा है, और बिहार, जहां विपक्ष ने वापसी के संकेत दिए हैं, सरकार गठन की कवायद के दौरान फोकस में हो सकते हैं।महाराष्ट्र में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं, जबकि बिहार में अगले साल चुनाव होंगे।
भाजपा के संगठन में होने वाले बदलाव भी पार्टी के मंत्रियों के नामों को अंतिम रूप देते समय चयनकर्ताओं के मन में होंगे। लोकसभा चुनावों के कारण नड्डा का कार्यकाल बढ़ा दिया गया था, और संगठनात्मक अनिवार्यताएं पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण विचारणीय विषय होगा, क्योंकि चुनाव परिणामों ने संकेत दिया है कि उसकी विशाल मशीनरी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।
सूत्रों ने कहा कि इससे पार्टी में किसी अनुभवी व्यक्ति को भेजे जाने और नड्डा को सरकार में स्थान दिए जाने की संभावना भी बनी हुई है।
भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनावों में अपने आश्चर्यजनक रूप से खराब प्रदर्शन के बाद निरंतरता का संदेश देने और राजनीतिक कमजोरी की किसी भी धारणा को दूर करने के लिए प्रयासरत है। पार्टी को इन आम चुनावों में 240 सीटें मिलीं जो बहुमत के आंकड़े से 32 कम हैं। पार्टी को 2019 के चुनावों में 303 सीटों पर जीत हासिल हुई थी।
सरकार ने शनिवार को घोषणा की कि बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, भूटान, मालदीव और मॉरीशस आदि पड़ोसी देशों के नेता शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे।
कांग्रेस को न्योते का इंतजार
कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह का निमंत्रण फिलहाल ‘इंडिया’ गठबंधन के नेताओं को नहीं मिला है, लेकिन न्योता मिलने के बाद इस पर विचार किया जाएगा।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा, रविवार के शपथ ग्रहण समारोह के लिए अभी सिर्फ अंतरराष्ट्रीय नेताओं को निमंत्रण गया है।
अभी तक हमारे नेताओं को निमंत्रण नहीं आया है। निमंत्रण आएगा तो उस पर हम विचार करेंगे।
कांग्रेस महसचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, शपथ ग्रहण में शामिल होने के बारे में फैसला ‘इंडिया’ गठबंधन करेगा।
राजस्थान में अपनी सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के नेता हनुमान बेनीवाल की नाराजगी की खबरों को खारिज करते हुए वेणुगोपाल ने कहा, उन्होंने खुद बेनीवाल से बात की है और अब सब ठीक है।
समय लाइव डेस्क नई दिल्ली |
Tweet