कोलकाता के एक स्कूल में दसवीं कक्षा के छात्र सैकत डे ने सोमवार को एक दिन के लिए प्रतीकात्मक तौर पर प्रधान अध्यापक की कुर्सी संभाली।
कोलकाता के एक स्कूल में दसवीं कक्षा के एक छात्र ने एक दिन के लिए प्रतीकात्मक तौर पर प्रधान अध्यापक की कुर्सी संभाली और पढ़ाई को मनोरंजक बनाने के लिए अधिकारियों से कक्षाओं में अत्याधुनिक उपकरणों और प्रौद्योगिकी का उपयोग करने का आग्रह किया।
विश्व बाल दिवस पर, जोधपुर पार्क बॉयज स्कूल के कक्षा दसवीं के छात्र सैकत डे ने सोमवार को यूनिसेफ के ‘किड्स टेकओवर’ कार्यक्रम के तहत अपने प्रधान अध्यापक अमित सेन मजूमदार की कुर्सी संभाली और संस्थानों में ‘अधिक स्मार्ट कक्षाओं’ की मांग की।
अपने सहपाठियों की ओर से किए जा रहे उत्साहवर्धन के बीच छात्र ने कहा, ‘‘स्कूल के प्रतीकात्मक प्रधानाध्यापक के रूप में, मैं छात्रों की शिक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विज्ञान, आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक उपकरणों के उपयोग का आग्रह करूंगा।’’
शिक्षण के लिए रचनात्मक ऑडियो-वीडियो साधनों को प्राथमिकता देते हुए डे ने कहा, ‘‘ऐसे तरीकों का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाना चाहिए क्योंकि वे बच्चों को बेहतर तरीके से समझने में मदद करते हैं।’’
यूनिसेफ के पश्चिम बंगाल प्रमुख अमित मेहरोत्रा ने कहा कि राज्य में प्राथमिक विद्यालयों में नामांकन की दर बढ़ने के साथ, माध्यमिक और वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में छात्रों के लिए कक्षाओं तथा प्रयोगशालाओं में सुधार पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
एक अन्य कार्यक्रम में, एक छात्रा माला सिंह मुरा ने हावड़ा जिले के उलुबेरिया में आशा भवन केंद्र में प्रतीकात्मक रूप से प्रधान अध्यापक की कुर्सी संभाली। बौद्धिक रूप से थोड़ी कमजोर यह छात्रा फुटबॉल और क्रिकेट खेलने के अपने जुनून के लिए जानी जाती है।
उसका मानना है कि हर बच्चे को पढ़ने और खेलने का अधिकार है। उसने कहा, ‘‘एक संस्था की प्रमुख के रूप में मैं सभी बच्चों को शिक्षा और खेल के लिए मदद देना चाहती हूं।’’
भाषा कोलकाता |
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