
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को कहा कि पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने सीमा पार स्थित आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले कर करारा जवाब दिया और साथ ही दुनिया को स्पष्ट संदेश दिया कि देश अब आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा।
यहां आयोजित तीन दिवसीय ‘कृषि उद्योग समागम’ का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में धनखड़ ने किसानों को भारत के आर्थिक और सामाजिक विकास की रीढ़ बताया और विश्वास जताया कि देश जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक ताकत बनेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘किसान की जितनी पूजा की जाए, वह कम है। किसान भारत की रीढ़ की हड्डी है। वह चाहे सामाजिक हो या आर्थिक हो...। किसान समरसता का एक प्रतीक भी है।’’
उपराष्ट्रपति ने कहा कि कृषि को उद्योग से जोड़ने की मध्यप्रदेश सरकार की पहल ‘बहुत बड़ी सोच’ का परिणाम है और आने वाले दिनों में इसका असर कृषि क्षेत्र में देखने को मिलेगा।
उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले दिनों में देश का हर प्रांत ऐसे समागम का आयोजन करेगा।
पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले और उसके जवाब में भारत की ओर से चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए धनखड़ ने कहा कि आज पूरा देश राष्ट्रीय भावना से बहुत ओतप्रोत है।
उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्र आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पहलगाम का जवाब दिया गया और इसका लोहा दुनिया ने माना है। देश के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। देश के प्रधानमंत्री ने बिहार से संदेश दिया था कि जिन्होंने सिंदूर मिटाया है, उनको धरती पर रहने का अधिकार नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय सीमा के अंदर घुसकर आतंकवादियों के ठिकानों पर क्या सटीक बमबारी हुई..., नष्ट कर दिया गया उन्हें। अब कोई प्रमाण नहीं मांग रहा है। कारण यह है कि जब उनके शव ले जाए जा रहे थे तब उनकी फौज खड़ी थी, उनके नेता खड़े थे और आतंकवादी खड़े थे। सबूत की आवश्यकता नहीं रही। उन्होंने ही यह प्रमाण विश्व के सामने दे दिया।’’
धनखड़ ने कहा कि देश की सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए हर भारतीय का सिर ऊंचा कर दिया है और हर कोई शान से कह रहा है कि हम भारतीय हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत अब बदल चुका है। भारत अब आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा। जो 70 साल में नहीं हुआ वह कठोर निर्णय भारत के प्रधानमंत्री ने लिया तथा पाकिस्तान का पानी बंद कर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि खून और पानी एक साथ नहीं बहेगा। यह बहुत बड़ा संदेश उन्होंने दिया है।’’
उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा 26 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद भारत ने 7 मई को तड़के ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। इसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज का भारत ‘आत्मविश्वासी’ है और दुनिया को यह समझ में आ गया है।
इस मौके पर 116 करोड़ रुपये की लागत वाली विभिन्न परियोजनाओं की आधारशिला रखने वाले धनखड़ ने एशिया के पावरहाउस जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए राष्ट्र की प्रशंसा की।
भारत के दुनिया की चौथी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने का जिक्र करते हुए धनखड़ ने कहा कि भारत ने जापान जैसे देश को पीछे छोड़कर यह मुकाम हासिल किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘बहुत ही जल्द भारत दुनिया की तीसरी आर्थिक महाशक्ति बनने वाला है।’’
इस अवसर पर राज्यपाल मंगू भाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सहित मंत्रिपरिषद के कई सदस्य, जनप्रतिनिधि, कृषि विशेषज्ञ, निर्यातक, उद्यमी और बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री यादव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मप्र की आर्थिक समृद्धि में मां नर्मदा का सबसे बड़ा योगदान है।
उन्होंने कहा, ‘‘किसी राज्य में जाओ, इस मौसम में हरियाली नहीं मिलेगी लेकिन मां नर्मदा के आशीर्वाद से प्रदेश के कई इलाकों में आपको हरियाली देखने को मिलेगी। जिस प्रकार यहां खेत लहलहा रहे हैं, उसी प्रकार महाकौशल के इस क्षेत्र में उद्योग धंधे भी फलने फूलने वाले हैं।’’
उन्होंने कहा कि फसलों की गुणवत्ता बेहतर हो और खेती लाभ का सौदा बने, इसके लिए राज्य सरकार काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि आधारित खाद्य संस्करण में मध्यप्रदेश में पीछे है और इस दिशा में जोर देने की आवश्यकता है।
समागम स्थल पर ‘एग्री-हॉर्टी एक्सपो’ के अंतर्गत आधुनिक कृषि यंत्र, ड्रोन, पॉलीहाउस, जैविक और नैनो उर्वरकों, एआई आधारित उपकरणों, दुग्ध उत्पादों, जल कृषि मॉडल और प्राकृतिक खेती के लाइव मॉडल प्रदर्शित किए गए हैं।
कार्यक्रम के दौरान कृषि, प्रसंस्करण और निर्यात से जुड़े विषयों पर विशेषज्ञों के व्याख्यान होंगे। औषधीय फसलों, एफपीओ और निर्यातकों के लिए विशेष संगोष्ठियां और नेटवर्किंग सत्र भी आयोजित किए जाएंगे।
राज्य सरकार ने इस आयोजन को ‘उद्योग एवं रोजगार वर्ष’ की दृष्टि से महत्वपूर्ण पहल बताया है। सरकार का मानना है कि इस पहल से प्रदेश की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा और रोजगार तथा निवेश के नए अवसर उत्पन्न होंगे।
भाषा नरसिंहपुर (मप्र) |
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