PM मोदी ने आंध्रा प्रदेश के भीमावरम में किया स्वतंत्रता सेनानी सीताराम राजू की प्रतिमा का अनावरण

July 4, 2022

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को आंध्र प्रदेश के भीमावरम में स्वतंत्रता सेनानी अल्लूरी सीताराम राजू की 125वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की। पीएम मोदी ने अल्लूरी सीताराम राजू की कांस्य प्रतिमा का भी अनावरण किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि देश के स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास कुछ वर्षों या कुछ लोगों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश के हर कोने से दिए गए बलिदान का इतिहास है।

मोदी ने यहां अल्लूरी सीताराम राजू की 30 फुट की कांस्य प्रतिमा का अनावरण करने के बाद कहा कि महान स्वतंत्रता सेनानी की 125वीं जयंती और रम्पा विद्रोह की शताब्दी वर्ष भर मनाई जाएगी।

उन्होंने कहा, ‘‘स्वतंत्रता संग्राम केवल कुछ वर्षों, कुछ क्षेत्रों या कुछ लोगों का इतिहास नहीं है। यह देश के हर नुक्कड़ और हर कोने से दिए गए बलिदान का इतिहास है।’’

मोदी ने अल्लूरी सीताराम राजू को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वह शुरुआती आयु में ही देश की आजादी की लड़ाई में शामिल हो गए, उन्होंने आदिवासी कल्याण एवं देश के लिए खुद को समर्पित कर दिया और वह कम उम्र में ‘‘शहीद’’ हो गए।

प्रधानमंत्री ने उनके जीवन को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि अल्लूरी ‘‘भारत की संस्कृति, आदिवासी पहचान और मूल्यों के प्रतीक थे।’’

मोदी ने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि जिस तरह बड़ी संख्या में युवा स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हुए थे, उसी तरह उन्हें अब देश के सपनों को साकार करने के लिए आगे आना चाहिए।

‘आजादी का अमृत महोत्सव’ समारोह के तहत 15 टन वजन की इस प्रतिमा को तीन करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। इसे भीमावरम के एएसआर नगर में नगर निगम पार्क में क्षत्रिय सेवा समिति द्वारा स्थापित किया गया है।

इस अवसर पर आंध्र प्रदेश के राज्यपाल बी. बी. हरिचंदन, केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी, मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी, पूर्व केंद्रीय मंत्री और फिल्म अभिनेता के. चिरंजीवी और अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। उन्होंने भी राजू को पुष्पांजलि अर्पित की।

मोदी ने अल्लूरी के भतीजे अल्लूरी श्रीराम राजू और अल्लूरी के करीबी सहयोगी मल्लू डोरा के बेटे बोडी डोरा का अभिनंदन किया। ‘मन्यम वीरदु’ (वन नायक) के नाम से लोकप्रिय सीताराम राजू को उनके उपनाम अल्लूरी से भी जाना जाता है। उनका जन्म चार जुलाई, 1897 को तत्कालीन विशाखापत्तनम जिले के पंडरंगी गांव में हुआ था।


भाषा
भीमावरम (आंध्र प्रदेश)

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