मणिपुर के कांगपोकपी में भीड़ द्वारा पुलिस अधीक्षक (SP) के ऑफिस पर शुक्रवार शाम हमला किए जाने के मद्देनजर जिले में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
सैबोल गांव से केंद्रीय बलों को कथित रूप से नहीं हटाये जाने को लेकर भीड़ ने हमला किया जिसमें पुलिस अधीक्षक घायल हो गए।
हमलावरों ने गांव में केंद्रीय बलों, खासकर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की लगातार तैनाती पर शुक्रवार को अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए कार्यालय पर पथराव किया और अन्य चीजें भी फेंकीं।
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस अधीक्षक कार्यालय के परिसर में रखे जिला पुलिस के वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया।
उन्होंने बताया कि पुलिस अधीक्षक एम प्रभाकर के माथे पर कोई वस्तु लगी, जिससे वह घायल हो गए।
इंफाल में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इलाके में सुरक्षा बलों की एक बड़ी टुकड़ी तैनात की गई है। उन्होंने कहा, ‘‘स्थिति अब नियंत्रण में है और इस पर कड़ी नजर रखी जा रही है।’’
पुलिस ने एक बयान में कहा कि प्रदर्शनकारियों ने पथराव करने के अलावा एसपी कार्यालय पर पेट्रोल बम से भी हमला किया।
बयान में कहा गया, ‘‘सुरक्षा बलों ने भीड़ पर जवाबी कार्रवाई की और उसे तितर-बितर करने के लिए आवश्यक बल प्रयोग किया जिसके बाद स्थिति नियंत्रण में लाई गई।’’
इसमें बताया गया कि पुलिस अधीक्षक ‘‘अब ठीक हैं और स्थिति से निपटने में संयुक्त सुरक्षा बलों का नेतृत्व कर रहे हैं।’’
अधिकारियों ने बताया कि झड़पों के दौरान घायल हुए कुछ प्रदर्शनकारियों को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
कुकी संगठन सैबोल गांव में 31 दिसंबर को सुरक्षा बलों द्वारा महिलाओं पर कथित रूप से लाठीचार्ज किए जाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
इस बीच, सुरक्षा बलों ने शुक्रवार को जिले के लोइबोल खुनोउ इलाके से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया।
पुलिस ने बताया कि 7.62 मिमी स्नाइपर राइफल, लंबी दूरी की क्षमता वाला मोर्टार (जिसे स्थानीय रूप से पंपी कहा जाता है), मैगजीन के साथ नौ मिमी की तीन पिस्तौल, 12 बोर की बंदूक, एक एसबीबीएल बंदूक, 10 गोला-बारूद, तीन हथगोले, तीन पिकेट ग्रेनेड, आंसू गैस के दो ग्रेनेड और एक वायरलेस सेट बदामद किया गया।
मई 2023 से मेइती और कुकी समुदायों के बीच जारी जातीय हिंसा की घटनाओं में 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हुए हैं।
भाषा इंफाल |
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