
हिंसा प्रभावित लेह शहर में सोमवार को छठे दिन भी कर्फ्यू जारी रहा और उपराज्यपाल कविंद्र गुप्ता समग्र सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘कर्फ्यूग्रस्त इलाकों में स्थिति कमोबेश शांतिपूर्ण रही और कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है। संवेदनशील इलाकों में पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों को बड़ी संख्या में तैनात किया गया है और वे कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़ी निगरानी रख रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल ने स्कर्बुचन निवासी पूर्व सैनिक त्सेवांग थारचिन और हनु निवासी रिनचेन दादुल (21) के अंतिम संस्कार के मद्देनजर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए राजभवन में एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है।
दो युवाओं - स्टैनजिन नामग्याल (24) और जिग्मेट दोरजय (25) का अंतिम संस्कार रविवार को किया गया। इन चारों की 24 सितंबर को लेह में व्यापक हिंसा के बीच मौत हो गई थी।
अधिकारियों ने बताया कि लेह में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं अब भी निलंबित हैं, जबकि करगिल समेत केंद्र शासित प्रदेश के अन्य प्रमुख हिस्सों में भी पांच या अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंधात्मक आदेश लागू हैं।
संगठन लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) द्वारा राज्य का दर्जा और लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने की मांगों को लेकर केंद्र के साथ बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए आहूत बंद के दौरान व्यापक हिंसक प्रदर्शन के बाद बुधवार शाम को लेह कस्बे में कर्फ्यू लगा दिया गया था। झड़पों में लगभग 80 पुलिसकर्मियों सहित 150 से अधिक लोग घायल भी हुए।
दो पार्षदों सहित 60 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया। इनमें जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक भी शामिल हैं, जिन्हें शुक्रवार को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत हिरासत में लिया गया था और बाद में राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद कर दिया गया था।
कस्बे में शनिवार को चरणबद्ध तरीके से चार घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई और ढील की अवधि शांतिपूर्ण रही।
भाषा लेह |
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