Dausa Borewell Incident: राजस्थान के दौसा जिले में बोरवेल में गिरे बच्चे आर्यन की मौत पर चीफ मेडिकल ऑफिसर दीपक शर्मा ने बताया कि बच्चे के शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं हैं और ऐसा लग रहा है कि गिरने के बाद किसी सख्त चीज से वो टकराया होगा।
चीफ मेडिकल ऑफिसर ने कहा, “ ज्यादा देर तक ऐसे बोरवेल में रहने की वजह से भी बच्चे को काफी तकलीफ हुई, इस वजह से भी उसकी हालत गंभीर हो गई।”
उन्होंने कहा, “जब बच्चे को बोरवेल से निकाला गया, तो उम्मीदों के साथ उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया। लेकिन, जब हमने ईसीजी की, तो पता चला कि अब बच्चा मर चुका है।
इसके अलावा, खान पान के अभाव में लंबे समय तक रहने की वजह से भी उसे दिक्कत हुई। वहीं, शरीर पर किसी भी प्रकार के चोट के निशान नहीं मिले हैं। लेकिन, ऐसा लग रहा है कि जैसे वो बोरवेल में गिरने के बाद किसी हार्ड ऑबजेक्ट से टकराया होगा।”
उन्होंने कहा, “अब बाकी चीजें पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही साफ हो पाएंगी।”
बता दें कि 56 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद आर्यन को बाहर निकाला गया। लेकिन, उसे बचाया नहीं जा सका। उसे बोरवेल से बाहर निकालने के लिए गहरी खुदाई भी की गई थी। 9 दिसंबर से रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा था। यह हादसा बच्चे के घर से करीब 100 फीट की दूरी पर हुआ। 9 दिसंबर की रात करीब 2 बजे के बाद बच्चे का मूवमेंट बोरवेल पर नहीं देखा जा रहा था।
बच्चे को बचाने के लिए बोरवेल के पास 125 फीट गहरा गड्ढा खोदा गया था। इस बीच, गड्डे खोदने वाली मशीन भी खराब हो गई थी। जिसकी वजह से कई घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन भी बाधित रहा। बोरवेल के अंदर मिट्टी धंसकर बच्चे के ऊपर गिर गई थी।
इसके बाद दौसा के जिलाधिकारी देवेंद्र कुमार की मौजूदगी में बच्चे को हुक से बाहर निकालने की इजाजत दी गई। बोरवेल के पास मेडिकल टीम भी तैनात थी। जैसे ही बच्चा बाहर निकला, तो उसे फौरन अस्पताल ले जाया गया। जांच में मौत की पुष्टि हुई।
आईएएनएस दौसा |
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