सहारा इंडिया परिवार के कार्यकर्ताओं व सम्मानित जमाकर्ताओं ने सेबी के विरोध में यहां ईको गार्डन में धरना दिया और रैली निकालकर विरोध जताया।
बाद में सेबी से 24 हजार करोड़ रुपए लौटाने की मांग को लेकर सेबी के कार्यालय जाकर ज्ञापन सौंपा। यह आन्दोलन सेबी में जमा सहारा इंडिया के 24 हजार करोड़ लौटाने की मांग को लेकर पूरे देश में किया जा रहा है।
सोमवार को लखनऊ में पूरे उत्तर प्रदेश से सहारा इंडिया परिवार के कार्यकर्ता और जमाकर्ताओं ने ईको गार्डन में एकत्रित होकर सेबी के विरोध में प्रदर्शन कर धरना दिया। सेबी के विरोध में उतरे सभी कार्यकर्ता एवं सम्मानित जमाकर्ताओं ने कहा कि वह सहारा इंडिया परिवार से किसी न किसी योजनाओं के माध्यम से जुड़े हुए हैं और विगत 25-30 वर्षो से सहारा इंडिया से आय प्राप्त करते रहे हैं।
विगत 8 वर्ष पूर्व में हुए सहारा-सेबी विवाद के कारण माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा पूरे सहारा समूह पर लगाए गए एम्बार्गे की वजह से सहारा में भुगतान की विलम्ब की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
लिहाजा निवेश भी बंद है। भुगतान विलम्बित है। इससे हमारी आय लगभग नगण्य हो चली है। लाखों कार्यकर्ता बेरोजगारी एवं भुखमरी की कगार पर खड़े हुए हैं।
प्रदर्शन में मौजूद सभी कार्यकर्ता व जमाकर्ता सेबी के खिलाफ नारे लिखी तख्तियां लेकर आए थे। इस मौके पर सभी वक्ताओं ने सेबी पर हठधर्मिता का आरोप लगाया और इस बात पर आक्रोश व्यक्त किया कि सेबी सहारा के सम्मानित जमाकर्ताओं की गाढ़ी कमाई को दबाकर बैठा है।
सेबी द्वारा विगत 8 वर्षो में मात्र 125 करोड़ का ही भुगतान किया जा सका है। अखबारों में विज्ञापन निकालने के बाद सेबी के पास 19598 निवेशक ही भुगतान के लिए गए जबकि 16633 आवेदनकर्ताओं का भुगतान किया गया।
साफ है कि सेबी के पास सारे निवेशक नहीं गए। इसकी वजह यह थी कि उनके द्वारा भुगतान पहले ही प्राप्त कर लिया गया था। इस दौरान कार्यकर्ताओं व जमाकर्ताओं ने ईको गार्डन में रैली निकाली। यह कार्यक्रम पूरी तरह अनुशासन के साथ किया गया।
करीब पौने चार घंटे से ज्यादा चले विरोध प्रदर्शन व धरना में हजारों की तादाद में लोग जमा थे। इसकी समाप्ति के बाद सहारा इंडिया परिवार की ओर से एक डेलीगेशन ने राजधानी लखनऊ स्थित सेबी के कार्यालय पहुंचकर सेबी के उप महाप्रबंधक श्री गगन वाधवा को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया है कि सेबी की हठधर्मिता के कारण हम लाखों कार्यकर्ताओं व सम्मानित जमाकर्ताओं का जीवन अंधकार की ओर जा रहा है।
अब जब सेबी के पास वर्तमान में किसी जमाकर्ता का भुगतान लम्बित नहीं है तो सेबी से मांग की गई है कि वह माननीय उच्चतम न्यायालय में यह हलफनामा दे दे कि अब उससे भुगतान प्राप्त करने वाले जमाकर्ता/निवेशक नहीं बचे हैं, तो सम्भवत: माननीय उच्चतम न्यायालय सहारा समूह की कम्पनियों से एम्बागरे हटा ले और सहारा-सेबी एकाउंट में ब्याज सहित जमा लगभग Rs24000 करोड़ की धनराशि सहारा को वापस मिल जाए तो हम सभी पूर्व की भांति अपने सम्मानित निवेशक एवं जमाकर्ताओं का भुगतान नियमित कर लें और सहारा इंडिया के कार्यकर्ताओं व सम्मानित जमाकर्ताओं को न्याय मिल सके।
सहारा न्यूज ब्यूरो लखनऊ |
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