Mukhtar Ansari Death: मुख्तार अंसारी की मौत पर SP-BSP ने उठाए सवाल, मायावती ने की जांच की मांग

March 29, 2024

बांदा जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी की गुरुवार रात हार्ट अटैक से मौत हो गई। उनकी मौत पर बसपा और सपा ने सवाल खड़ा किया है। बसपा मुखिया मायावती ने मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा कि अंसारी की जिन परिस्थितियों में मृत्यु हुई वह अत्यधिक चिंताजनक है।

बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी की मौत के मामले की उच्‍च स्‍तरीय जांच की शुक्रवार को मांग की।

बसपा प्रमुख ने मुख्तार की मौत के अगले दिन शुक्रवार को सोशल मीडिया मंच 'एक्‍स' पर एक पोस्ट में कहा, ''मुख्तार अंसारी की जेल में हुई मौत को लेकर उनके परिवार द्वारा जो लगातार आशंकायें व गंभीर आरोप लगाए गए हैं, उनकी उच्च-स्तरीय जांच जरूरी है, ताकि उनकी मौत के सही तथ्य सामने आ सकें।''

मायावती ने कहा, ''ऐसे में उनके परिवार का दुःखी होना स्वाभाविक है। कुदरत उन्हें इस दुःख को सहन करने की शक्ति दे।''

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शुक्रवार को कहा कि यह यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल' है।

अखिलेश ने सोशल मीड‍िया प्‍लेटफार्म एक्‍स पर शुक्रवार की सुबह एक पोस्‍ट में ल‍िखा, "हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा। थाने में बंद रहने के दौरान - जेल के अंदर आपसी झगड़े में - ⁠जेल के अंदर बीमार होने पर - न्यायालय ले जाते समय - ⁠अस्पताल ले जाते समय - ⁠अस्पताल में इलाज के दौरान - ⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर - ⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर - ⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाxच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैरक़ानूनी हैं। जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकार अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।"

सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने लिखा कि पूर्व विधायक मुख़्तार अंसारी की जिन परिस्थितियों में मृत्यु हुई, वह अत्यधिक चिंताजनक है। उन्होंने न्यायालय में अर्ज़ी देकर पहले ही खाने में जहर मिलाकर अपनी हत्या की आशंका व्यक्त की थी। मौजूदा व्यवस्था में न कोई जेल में कोई सुरक्षित है, न ही पुलिस कस्टडी में और न ही अपने घर में। प्रशासनिक आतंक का माहौल पैदा करके लोगों को मुंह बंद रखने को विवश किया जा रहा है। राम गोपाल यादव ने पूछा, क्या मुख़्तार अंसारी द्वारा न्यायालय में दी गयी अर्ज़ी के आधार पर कोई न्यायिक जांच के आदेश करेगी यूपी सरकार?

गौरतलब है कि यूपी की बांदा जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी की गुरुवार रात मेडिकल कॉलेज बांदा में हार्ट अटैक से मौत हो गई। पूरे यूपी में पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी है। मऊ, गाजीपुर और बांदा जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है। परिजनों की ओर से दी गई सूचना के अनुसार, गाजीपुर के काली बाग में स्थिति पारिवारिक कब्रिस्तान में मुख्तार को सुपुर्द-ए-खाक करने की तैयारी की जा रही है।

मऊ विधानसभा सीट से 1996 से 2017 तक लगातार पांच बार विधायक रहे मुख्तार अंसारी पहली बार (1996) और आखिरी बार (2017) बसपा के टिकट पर ही चुनाव जीता था। वह दो बार निर्दल और एक बार अपने भाई सांसद अफजाल अंसारी के नेतृत्व वाली कौमी एकता दल के टिकट पर निर्वाचित हुआ। बसपा से गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी को समाजवादी पार्टी (सपा) ने वहां से अपना उम्मीदवार घोषित किया है।

समाजवादी पार्टी ने भी बृहस्पतिवार देर रात मुख्‍तार के निधन पर शोक जताया। सपा के 'एक्‍स' अकाउंट पर अपने पोस्ट किया गया, ''पूर्व विधायक श्री मुख्तार अंसारी जी का इंतकाल, दुःखद। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें। शोकाकुल परिजनों को यह असीम दुःख सहने का संबल प्राप्त हो। विनम्र श्रद्धांजलि!''

माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी को बृहस्पतिवार को तबीयत बिगड़ने के बाद जिला जेल से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गयी।

बांदा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य सुनील कौशल ने ‘पीटीआई-’ को फोन पर बताया, ''मेडिकल कॉलेज में दिल का दौरा पड़ने से अंसारी की मौत हो गयी।''
 


भाषा/आईएएनएस
लखनऊ

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