उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के पीसीएस प्री और आरओ..एआरओ की परीक्षा दो दिन में संपन्न कराने के निर्णय के विरोध में सोमवार को शुरू हुआ छात्र आंदोलन आज दूसरे दिन भी जारी है।
देर रात जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस आयुक्त ने आयोग में बैठक की, जो बेनतीजा रही।
आंदोलनकर्मी छात्रों ने रात खुले आसमान के नीचे गुजारी और मंगलवार की सुबह फिर से धरना प्रदर्शन में जुट गए। जो छात्र छात्राएं रात में अपने घर चले गए थे, वे मंगलवार की सुबह आयोग के गेट पर पुन: एकत्रित हो गए और आंदोलन शुरू कर दिया।
समाजवादी पार्टी (SP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रयागराज में छात्रों के चल रहे बवाल पर सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि नौकरी भाजपा के एजेंडे में का हिस्सा नहीं है।
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने मंगलवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर प्रयागराज में छात्रों के लोकसेवा आयोग में चल रहे बवाल पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि माहौल 'योगी बनाम प्रतियोगी’ छात्र हो चुका है। आज उप्र के प्रतियोगी परीक्षाओं के हर अभ्यर्थी, हर छात्र, हर युवक-युवती की ज़ुबान पर यही है कि नौकरी भाजपा के एजेंडे में है ही नहीं।
भाजपा के एजेंडे में सिर्फ़ ‘चुनाव’ है और भाजपा राज में अभ्यर्थियों के हिस्से में आया सिर्फ़ ‘तनाव’ है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 12, 2024
युवा कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!
जब भाजपा जाएगी
तब नौकरी आएगी#uppsc#uppcs2024#no_normalization#ro_aro_onedayexam#uppsc_oneshift_onedayexam#UPPCS_ROARO_ONESHIFT pic.twitter.com/oQ2CM0gfwf
अखिलेश ने कहा कि उन्होंने चलवाया लाठी-डंडा, नौकरी नहीं जिनका एजेंडा। नहीं चाहिए अनुपयोगी सरकार। भाजपा सरकार नहीं धिक्कार है। अयोग्य लोगों का अयोग्य आयोग’ नहीं चाहिए।
‘योगी बनाम प्रतियोगी’ छात्र हुआ माहौल!
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 12, 2024
आज उप्र के प्रतियोगी परीक्षाओं के हर अभ्यर्थी, हर छात्र, हर युवक-युवती की ज़ुबान पर जो बात है वो है:
‘नौकरी भाजपा के एजेंडे में है ही नहीं’!
उन्होंने चलवाया लाठी-डंडा
‘नौकरी’ नहीं जिनका एजेंडा!
नहीं चाहिए अनुपयोगी सरकार!!
भाजपा सरकार… pic.twitter.com/pCKcDHFbti
सपा मुखिया ने कहा कि भाजपा के लोग, जनता को रोज़ी-रोटी के संघर्ष में उलझाए रखने की राजनीति करते हैं, जिससे भाजपाई साम्प्रदायिक राजनीति की आड़ में भ्रष्टाचार करते रहें। सालों-साल वैकेंसी या तो निकलती नहीं है या फिर परीक्षा की प्रक्रिया पूरी नहीं होती है। भाजपा ने छात्रों को पढ़ाई की मेज से उठाकर सड़कों पर लाकर खड़ा कर दिया है।
उन्होंने कहा कि यही आक्रोशित अभ्यर्थी और उनके हताश-निराश परिवार वाले अब भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन रहे हैं। नौकरीपेशा, पढ़ा-लिखा मध्यवर्ग अब भावना में बहकर भाजपा के बहलावे-फुसलावे में आनेवाला नहीं। अब तो व्हाट्सएप ग्रुप के झूठे भाजपाई प्रचार के शिकार अभिभावकों को भी समझ आ गया है कि अपनी सत्ता पाने और बचाने के लिए भाजपा ने कैसे उनका भावनात्मक शोषण किया है। अब ये लोग भी भाजपा की नकारात्मक राजनीति के झांसे में आने वाले नहीं और बांटने वाली साम्प्रदायिक राजनीति को नकारकर ‘जोड़नेवाली सकारात्मक राजनीति’ को गले लगा रहे हैं। अब कोई भाजपाइयों का मानसिक गुलाम बनने को तैयार नहीं हैं।
अखिलेश ने कहा कि अब सब समझ गये हैं, भाजपा सरकार के रहते कुछ भी नहीं होनेवाला। भाजपा के पतन में ही छात्रों का उत्थान है। भाजपा और नौकरी में विरोधाभासी संबंध है। जब भाजपा जाएगी, तभी नौकरी आएगी।
उन्होंने कहा कि अब क्या भाजपा सरकार छात्रों के हॉस्टल या लॉज पर बुलडोज़र चलाएगी। भाजपाई जिस शिद्दत से नाइंसाफ़ी का बुलडोजर चला रहे हैं, अगर उसी शिद्दत से सरकार चलाई होती तो आज भाजपाइयों को छात्र आक्रोश से डरकर, अपने घरों में छुपकर नहीं बैठना पड़ता। आंदोलनकारियों के ग़ुस्से से घबराकर भाजपाइयों के घरों, दुकानों, प्रतिष्ठानों और गाड़ियों से भाजपा के झंडे उतर गये हैं। आंदोलनकारी युवा ऊँची आवाज़ में पूछ रहे हैं ‘अब कहाँ गायब हैं दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी का दावा करने वाली भाजपा के नेता और कार्यकर्ता?’ क्या ये सिर्फ़ समाज को बाँटने के लिए बाहर निकलते हैं। जिस समय छात्रों की आवाज में आवाज मिलाने का समय है, उस समय ये भाजपाई, कहीं दबे-छिपे काट रहे हैं सत्ता की मलाई।
सपा प्रमुख ने कहा कि नकारात्मक भाजपा और उसकी नकारात्मक झूठी राजनीति का समय पूरा हो गया है। जन-जन कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा।
ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा प्रांतीय सिविल सेवा (पीसीएस) ‘प्री’ और समीक्षा अधिकारी (आरओ) सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) की परीक्षा दो दिन कराने के निर्णय के विरोध में छात्रों ने सोमवार को लोक सेवा आयोग के गेट पर धरना प्रदर्शन शुरू किया जो देर शाम तक जारी है। दिन ढलने के साथ हजारों की संख्या में छात्रों ने मोबाइल टार्च जलाकर एकता प्रदर्शित की। आंदोलनकारी छात्रों के समर्थन में विपक्षी दलों ने सरकार को घेरा।
आयोग ने पिछले मंगलवार को इन परीक्षाओं की तिथियों की घोषणा की। जहां पीसीएस प्री की परीक्षा के लिए सात और आठ दिसंबर की तिथि घोषित की गई है, वहीं समीक्षा अधिकारी व सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ..एआरओ) प्री की परीक्षा के लिए 22 और 23 दिसंबर की तिथि घोषित की गई है।
आईएएनएस/भाषा लखनऊ |
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