बाबरी विध्वंस को गिराए जाने की घटना के 32 साल पूरे होने और जुमे की नमाज के मद्देनजर शुक्रवार को संभल में भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई।
शहर के मौलानाओं ने लोगों से अपनी स्थानीय मस्जिदों में नमाज अदा करने और क्षेत्र में शांति एवं सद्भाव बनाए रखने में सहयोग करने की अपील की।
अदालत के आदेश पर 24 नवंबर को शहर के कोट गर्वी इलाके में मुगलकालीन शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किए जाने के बाद संभल में हिंसा हुई थी। हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे। जिले में तभी से स्थिति तनावपूर्ण है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से प्रेरित कारसेवकों ने छह दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद को ढहा दिया था। इस घटना के 32 साल पूरे होने की पूर्व संध्या पर पुलिस ने संभल में फ्लैग मार्च निकाला और सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई।
पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) मुनिराज जी, जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पेंसिया और पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बृहस्पतिवार को फ्लैग मार्च का नेतृत्व किया।
मुनिराज ने बृहस्पतिवार रात संवाददाताओं से कहा, ‘‘पूरे संभाग में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती, प्रमुख स्थानों पर व्यापक पैमाने पर अवरोधक लगाने और बेहतर निगरानी के लिए संभल को विभिन्न सेक्टर में विभाजित करने समेत एहतियाती कदम उठाए गए हैं।’’
पेंसिया ने कहा कि संभल में 30 मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं और तीन-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
पेंसिया ने कहा, ‘‘हमने एक नयी शांति समिति भी बनाई है और हम हर वार्ड में इसी तरह की समितियां स्थापित करेंगे। पिछली बार 700-800 लोगों ने शाही जामा मस्जिद में नमाज अदा की थी और इस बार हमने लोगों से अपील की है कि वे केवल अपने अपने मोहल्लों की मस्जिदों में ही नमाज अदा करें।"
आईएएनएस संभल (उप्र) |
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