झारखंड में एक महिला एथलीट गीता कुमारी को आर्थिक परेशानियों के कारण रामगढ़ जिले की गलियों में सब्जी बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा।
राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में आठ स्वर्ण पदक जीतने वाली गीता लॉकडाउन के बाद आर्थिक परेशानियों के कारण सब्जी बेच रही हैं। सामाजिक कार्यकर्ता भयाना ने अपनी ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो साझा किया और इसी वीडियो ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का ध्यान अपनी ओर खींचा।
इस वीडियो में गीता कहती हैं, " मैंने 2011 से लेकर 2019 तक सभी राज्य स्तरीय चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीते हैं। इसके अलावा मैंने ईस्ट जोन में छह पदक और जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप में दो पदक जीते हैं।"
उन्होंने कहा, "शुरू से ही मेरी आर्थिक स्थिति खराब रही है और लॉकडाउन के बाद यह मेरे और मेरे परिवार के लिए और ज्यादा बढ़ गई है। इसलिए मुझे अपने माता पिता की दुकान पर सब्जी बेचना पड़ा है ताकि परिवार की जरूरतों को पूरा किया जा सके।"
गीता ने कहा, " झारखंड सरकार ने अब तक मेरी मदद नहीं की और लॉकडाउन के बाद हमारी स्थिति और बुरी होती गई।"
मुख्यमंत्री सोरेन ने बाद में रामगढ़ के उपायुक्त संदीप सिंह को गीता की आर्थिक रूप से सहायता करने का निर्देश दिया ताकि वह अपने एथलेटिक्स करियर को आगे बढ़ा सके।
रामगढ़ की गोल्डन गर्ल गीता की कठिनाई मा० मुख्यमंत्री जी @HemantSorenJMM के निर्देश द्वारा सूचित हुई। गीता कुमारी को आज TISCO घाटो के सहयोग से 50,000 रुपये की मदद DC आफिस में दिलाई गई।स्पोर्ट्स सेंटर में प्रशिक्षण, 3000 मासिक स्टाइपेंड भी दिया जा रहा है।@JharkhandCMO @KirenRijiju pic.twitter.com/OwtVkXafuI
— DC Ramgarh (@DC_Ramgarh) June 29, 2020
मीडिया में जारी खबरों के मुताबिक, एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि गीता को रामगढ़ जिला प्रशासन से 50,000 रुपये और एथलेटिक्स करियर को आगे बढ़ाने के लिए 3,000 रुपये का मासिक वजीफा पाने में मदद मिली।
आईएएनएस नई दिल्ली |
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