भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चौथे टेस्ट मैच की दूसरी पारी में यशस्वी जायसवाल को पैट कमिंस की गेंद पर तीसरे अंपायर ने आउट का फ़ैसला दिया।
इस फ़ैसले के बाद काफ़ी बवाल मचा हुआ है। पूर्व भारतीय क्रिकेट सुनील गावस्कर और रवि शास्त्री ने कॉमेंट्री के दौरान इस मामले पर आपत्ति जताते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी है। एक तरफ़ गावस्कर ने इस फ़ैसले को पूरी तरह से ग़लत बताया, वहीं दूसरे तरफ़ रवि शास्त्री ने स्निको को ऑस्ट्रेलिया का छठा गेंदबाज़ बोल दिया।
भारत की दूसरी पारी के 71वें ओवर में जायसवाल ने कमिंस की शॉर्ट पिच गेंद को पुल करने का प्रयास किया था लेकिन गेंद उनके बल्ले के काफ़ी क़रीब से निकली और कीपर ने पीछे कैच किया। ऑस्ट्रेलिया ने अपील की लेकिन फ़ील्ड अंपायर जोएल विल्सन ने नकार दिया। कमिंस ने इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ रिव्यू लिया और फ़ैसला तीसरे अंपायर बांग्लादेश के शर्फ़ुद्दौला के पास चला गया।
तीसरे अंपायर ने जब स्निको पर इस कैच को चेक किया तो कोई भी डिफलेक्शन नहीं दिख रहा था। लेकिन नॉर्मल वीडियो में दिख रहा था कि गेंद यशस्वी के ग्लब्स के क़रीब से डिफलेक्ट हो रही थी। तीसरे अंपायर ने नॉर्मल वीडियो के डिफलेक्शन पर भरोसा किया और स्निको को नकारते हुए आउट का फ़ैसला दिया।
इसके बाद कमेंट्री कर रहे गावस्कर ने कहा, " यह फ़ैसला पूरी तरह से ग़लत है। तीसरे अंपायर को सबूत चाहिए और तीसरे अंपायर को उसी हिसाब से निर्णय देना होगा। अगर फ़ील्ड अंपायर ने कोई फ़ैसला दिया है तो उसको बदलने के लिए पर्याप्त सबूत चाहिए होते हैं, जो इस केस में नहीं था। ऐसे में आप तकनीक का प्रयोग क्यों ही कर रहे हैं। वीडियो में जो दिख रहा है, वह ऑप्टिकल इल्यूजन भी हो सकता है।"
वहीं शास्त्री ने कहा, "बहुत कम बार ऐसा फ़ैसला होता है, जहां पर स्निको में कुछ नहीं दिखता और आप फ़ील्ड अंपायर के नॉट आउट के फ़ैसले को बदल कर आउट का फ़ैसला लेते हैं। आज ऐसा लग रहा है कि स्निको ऑस्ट्रेलिया का छठा बोलर है।"
यशस्वी का यह फ़ैसला मैच के नतीज़े के लिहाज से काफ़ी महत्वपूर्ण था। उन्होंने अपनी पारी में कुल 208 गेंदों को सामना किया और 82 रन बनाए। वह ऑस्ट्रेलिया और जीत के बीच में एक दीवार की तरह खड़े थे, लेकिन उनके आउट होने के बाद भारतीय टीम भरभरा कर आउट हो गई। 184 रनों से यह मैच जीतकर ऑस्ट्रेलिया इस सीरीज़ में 2-1 से आगे हो गया है।
हालांकि मैच के बाद प्रेस कॉन्फ़्रेंस में भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने इस विवाद का पटाक्षेप करते हुए कहा, "मुझे नहीं पता कि मैं इस पर क्या बोलूं क्योंकि तकनीक (स्निकोमीटर) तो कुछ नहीं दिखा रहा था, लेकिन खुली आंखों से लगा कि गेंद कुछ तो छूकर गया है। मुझे नहीं पता कि अंपायर तकनीक का कैसे उपयोग करना चाहते हैं, लेकिन ईमानदारी से कहूं तो जायसवाल ने गेंद को छुआ था। हालांकि कोई भी तकनीक 100 प्रतिशत सही नहीं होती और ऐसा हुआ है कि हम दुर्भाग्यशाली रहे हैं और यहां नहीं भारत में भी ऐसे कई फ़ैसले हमारे ख़िलाफ गए हैं।"
आईएएनएस मेलबर्न |
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