RSS नेताओं ने वित्त मंत्री से पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने और आयात शुल्क को बढ़ाने की मांग की

December 3, 2022

देश का अगला आम बजट कैसा होना चाहिए, इसे लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार विभिन्न संगठनों, उद्योग चैंबर्स, आर्थिक विशेषज्ञों और इससे जुड़े अन्य महत्वपूर्ण संगठनों के साथ बैठक कर चर्चा कर रही है और उनसे सुझाव भी ले रही है।

इसी कवायद के तहत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े विभिन्न संगठनों के साथ 21-29 नवंबर के बीच बैठक कर उनके सुझाव भी लिए। ज्यादातर बैठकें ऑनलाइन हुई और इन बैठकों में आगामी बजट की रूपरेखा, सरकार के आर्थिक एजेंडे, किसान और मजदूरों के हितों को लेकर आरएसएस से जुड़े विभिन्न संगठनों ने वित्त मंत्री को कई सुझाव दिए।

आरएसएस से जुड़े भारतीय मजदूर संघ- बीएमएस ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से पुरानी पेंशन व्यवस्था को फिर से बहाल करने की मांग की तो वहीं भारतीय किसान संघ-बीकेएस ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की राशि को बढ़ाने की मांग करते हुए इसे उनके इनपुट्स की मुद्रास्फीति के साथ जोड़ने की मांग की। स्वदेशी जागरण मंच - एसजेएम ने चीन के साथ लगातार बढ़ रहे व्यापार घाटे पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए वित्त मंत्री को आयात होने वाले सामानों पर आयात शुल्क बढ़ाने और आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए कई अन्य महत्वपूर्ण कदम उठाने का सुझाव दिया।



दरअसल, पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनता जा रहा है। कांग्रेस ने इस मुद्दे को हिमाचल प्रदेश चुनाव में जोर-शोर से उठाया, गुजरात चुनाव में भी उठा रही है और 2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव में भी इसे बड़ा मुद्दा बनाने की तैयारी कर रही है। ऐसे में संघ से जुड़े संगठन की यह सलाह राजनीतिक रूप से भी काफी महत्वपूर्ण हो जाती है। 2023 के बजट सत्र में वित्त मंत्री के तौर पर निर्मला सीतारमण जो बजट पेश करेंगी वो मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट होगा, इसलिए संघ से जुड़े संगठनों ने सरकार को लोकलुभावन, मजदूर-किसान, संगठित एवं असंगठित और भारतीय उद्योगों के हित वाला बजट बनाने का सुझाव दिया है जिससे लोगों की जेब में ज्यादा से ज्यादा पैसा जाए।

भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय महामंत्री रवींद्र हिमते ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बैठक के दौरान बीएमएस ने उनसे पुरानी पेंशन व्यवस्था को फिर से बहाल करने, न्यूनतम पेंशन की राशि को एक हजार से बढ़ाकर पांच हजार करने एवं इसे वीडीए के साथ लिंक करने, रिटायर्ड एवं पेंशनर्स को आयुष्मान भारत योजना के साथ जोड़ कर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने, श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना को मजबूत करने और समाज के कमजोर वर्ग के हितों की सुरक्षा के लिए कई तरह के अन्य कदम उठाने का सुझाव दिया है। बीएमएस ने घाटे में चल रहे पीएसयू को लेकर सरकार को अपनी नीति बदलने का सुझाव देते हुए इनसे जुड़े सभी लोगों के बकाए वेतन का भुगतान करने की भी मांग की।

स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक डॉ अश्विनी महाजन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि वित्त मंत्री से मुलाकात के दौरान मंच ने चीन के साथ बढ़ रहे व्यापार घाटे के 100 बिलियन डॉलर तक पहुंचने के हालात पर चिंता जताते हुए उन्हें आयात शुल्क बढ़ाने का सुझाव दिया जिससे एक ओर जहां विदेशों पर भारत की निर्भरता कम होगी,विदेशी मुद्रा की बचत होगी तो वहीं दूसरी ओर भारत में मैन्युफैक्च रिंग को बढ़ावा मिलेगा, घरेलू स्तर पर उत्पादन में वृद्धि होगी और रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। सरकार के आत्मनिर्भर भारत से जुड़ी परियोजना की तारीफ करते हुए मंच ने सीतारमण को ग्रामीण भारत में खेती से इतर आर्थिक गतिविधियों और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए प्रयास करने का भी सुझाव दिया। महाजन ने बताया कि उन्होंने सीएसआर फंड की तर्ज पर आरएंडडी के लिए भी नियम बनाने का सुझाव दिया ताकि कंपनियां अपने आय या रेवेन्यू का एक हिस्सा रिसर्च एंड डेवलपमेंट के काम के लिए भी खर्च करे।

भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि बीकेएस ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को कृषि के सारे इनपुट्स को जीएसटी फ्री करने, खेती की बढ़ी लागत के अनुपात में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की राशि को बढ़ाने, फर्टिलाइजर सब्सिडी समेत तमाम सब्सिडी या आर्थिक सहायता किसानों को डीबीटी के जरिए देने, सिंचाई एवं नदी जोड़ों परियोजनाओं के लिए ज्यादा फंड देने का सुझाव दिया है। बीकेएस ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए जरूरी कदम उठाने, गाय विश्वविद्यालय की स्थापना करने, देश में आर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने सहित अन्य कई महत्वपूर्ण सुझाव भी वित्त मंत्री को दिए।


आईएएनएस
नई दिल्ली

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