राजस्थान में नवविवाहिता युवतियों को सावन में ससुराल से मायके बुला लेने की परम्परा है। इस अवसर पर नवयुवतियां हाथों में मेंहदी रचाती हैं। तीज के गीत हाथों में मेंहदी लगाते हुए गाये जाते हैं। समूचा वातावरण श्रृंगार से अभिभूत हो उठता है। इस त्यौहार की सबसे बड़ी विशेषता है, महिलाओं के हाथों पर विभिन्न प्रकार से बेलबूटे बनाकर मेंहदी रचाना। पैरों में आलता लगाना, महिलाओं के सुहाग की निशानी है। राजस्थान में हाथों और पांवों में भी विवाहिताएं मेंहदी रचाती हैं। जिसे मेंहदी- मांड़ना कहते हैं।
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