जॉर्डन के गृह मंत्री माजेन फराया ने दक्षिणी सीरिया में बिगड़ते हालात को देखते हुए जाबेर बॉर्डर को बंद करने की घोषणा की है।
शुक्रवार को मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, इस निर्णय के तहत जॉर्डन के नागरिकों और ट्रकों को राज्य में लौटने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन सीरियाई क्षेत्रों में जाने वाले पर प्रतिबंध रहेगा।
बयान के अनुसार, मंत्रालय ने कहा कि जॉर्डन सीरिया पर बारीकी से नजर बनाए हुए है। वहीं सीमाओं पर सशस्त्र बल तैनात है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, जाबेर क्रॉसिंग दमिश्क-अम्मान अंतर्राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है (सीरिया में नासिब क्रॉसिंग के नाम से जाना जाता है) जो दोनों देशों को जोड़ने वाला कॉमर्शियल बॉर्डर है।
ब्रिटेन स्थित सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार, शुक्रवार को सीरिया में नासिब क्रॉसिंग के पास झड़प हुई थी, जहां सशस्त्र विद्रोही समूहों ने कथित तौर पर क्षेत्र में घुसपैठ की और सीरियाई सेना के ठिकानों पर हमला किया।
2011 में सीरियाई गृहयुद्ध की शुरुआत के बाद से क्रॉसिंग को कई बार बंद किया गया है। अप्रैल 2015 में इसे तीन साल के लिए बंद किया गया था। हालांकि, अक्टूबर 2018 में इसे फिर से खोला गया था।
जॉर्डन और सीरिया दो मुख्य बॉर्डर क्रॉसिंग साझा करते हैं। अल-गोमरुक अल-कादिम क्रॉसिंग, जिसे जॉर्डन की तरफ रामथा के नाम से जाना जाता है, सीरियाई संघर्ष के कारण वर्षों से बंद है। दूसरी ओर, नासिब क्रॉसिंग जो दोनों देशों की सीमा को जोड़ती है कई विपरीत स्थितियों में काम करती रही है।
सीरिया में 27 नवंबर के बाद से विद्रोही ताकतों और सीरियाई सैनिकों के बीच संघर्ष चरम पर है। 29 नवंबर तक विद्रोही समूहों ने अलेप्पो पर कब्जा कर लिया और इसके अगले दिन इदलिब प्रांत पर भी नियंत्रण हासिल कर लिया था।
शुक्रवार को विद्रोही पश्चिमी अल-वायर जिले की ओर बढ़े थे।
दिसंबर की शुरुआत में, सीरियाई राष्ट्रीय सेना ने अलेप्पो प्रांत और पूर्वोत्तर सीरिया में तेल रिफात के बीच विद्रोही गुटों द्वारा अपना दबदबा बनाए जाने के प्रयासों को विफल करने के लिए "ऑपरेशन डॉन ऑफ फ्रीडम" शुरू किया। यह ऑपरेशन पीकेके/वाईपीजी आतंकवादियों से तेल रिफात को मुक्त कराने में सफल रहा।
आईएएनएस अम्मान |
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