
उत्तर कोरिया की जनता को रेडियो प्रसारणों एवं अन्य माध्यमों से सरकार की सच्चाई से अवगत कराने वाले किम सिओंग-मिन की 63 वर्ष की आयु में मौत हो गई।
मिन वर्षों पहले उत्तर कोरिया से भाग कर दक्षिण कोरिया चले गए थे और वहीं से उत्तर कोरिया के लोगों के लिए खबरों का प्रसारण करते थे।
उत्तर कोरिया की सेना के कैप्टन रह चुके किम 1999 में दक्षिण कोरिया चले गए थे। उन्होंने 2005 में उत्तर कोरिया के लिए ‘शॉर्टवेव’ रेडियो प्रसारण शुरू किया था।
यह दक्षिण कोरिया का पहला ऐसा नागरिक रेडियो स्टेशन था जिसका जिम्मा उत्तर कोरिया से आये किसी व्यक्ति के हाथ में था।
सियोल स्थित ‘फ्री नॉर्थ कोरिया रेडियो’ के संस्थापक किम को शुक्रवार को सियोल के एक अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया।
उनके पूर्व सहयोगियों ने बताया कि वह कई वर्षों से फेफड़ों के कैंसर से जूझ रहे थे और अब कैंसर उनके यकृत तक फैल गया था। उन्होंने बताया कि किम का अंतिम संस्कार किया जा चुका है।
किम के साथ सात साल तक काम करने वाले तथा उत्तर कोरिया से भाग कर दक्षिण कोरिया आये चोई जंग-हून ने कहा, ‘‘हम उत्तर कोरिया से भाग के आए लोगों ने अपने एक नेता को खो दिया है। हमें यकीन नहीं है कि हमें फिर कभी ऐसा नेता मिलेगा। वह सचमुच हमारे लिए आशा के किरण थे।’’
किम की खबरों में उत्तर कोरिया से भागे लोगों की दक्षिण कोरिया में सफलता की कहानियां, उत्तर कोरिया के शासक किम परिवार की कथित भव्य जीवनशैली और दक्षिण कोरिया, अमेरिका व अन्य स्थानों की राजनीतिक खबरें शामिल रही हैं।
एपी सियोल |
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