कोरोना संकट: राहुल ने PM मोदी को लिखा पत्र, कहा- कोविड के सभी स्वरूपों का वैज्ञानिक तरीके से पता लगाया जाए

May 7, 2021

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि महामारी के कारण देश गहरे संकट में पहुंच गया है इसलिए सभी पक्षों को साथ लेकर कोरोना से निपटने की रणनीति पर विचार किया जाना चाहिए।

गांधी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि कोरोना ने देश को गंभीर संकट में डाल दिया है।

हम सब मिलकर इस महासंकट से निपट सकते हैं इसलिए सभी पक्षों को विश्वास में लेकर यह लड़ाई लड़नी होगी और उन्हें विश्वास है कि मिलकर लड़ने से कोरोना पर जीत हासिल की जा सकेगी।

कांग्रेस नेता ने सोशल मीडिया इंस्टाग्राम पर एक संदेश में मोदी को लिखे पत्र का हवाला देते हुए कहा कि महामारी से उत्पन्न भयावह स्थिति और सरकार की इससे निपटने की कोई रणनीति नहीं होने के कारण उन्हें दोबारा प्रधानमंत्री को पत्र लिखने को मजबूर होना पड़ा।

उन्होंने उम्मीद जताई कि मोदी उनके सुझाव पर सकारात्मक रूप से विचार करेंगे इस अभूतपूर्व संकट में देश की जनता ही उनकी प्राथमिकता होगी। उन्होंने मोदी से आग्रह किया कि वह अपनी क्षमता का इस्तेमाल कर पीड़ितों को राहत देने के लिए काम करेंगे।

कोविड के सभी स्वरूपों का वैज्ञानिक तरीके से पता लगाने का आग्रह किया

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि कोरोना वायरस के सभी स्वरूपों का वैज्ञानिक तरीकों से पता लगाने के साथ ही पूरी दुनिया को इस बारे में अवगत कराया जाए तथा सभी भारतीय नागरिकों को जल्द टीका लगाया जाए।

उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर यह आरोप भी लगाया कि सरकार की ‘विफलता’ के कारण देश एक बार फिर से राष्ट्रीय स्तर के लॉकडाउन (Lockdown) के मुहाने पर खड़ा हो गया है और ऐसे में गरीबों को तत्काल आर्थिक मदद दी जाए ताकि उन्हें पिछले साल की तरह पीड़ा से नहीं गुजरना पड़े।

पत्र में राहुल गांधी ने कहा, ‘‘मैं आपको एक बार फिर पत्र लिखने के लिए विवश हुआ हूं क्योंकि हमारा देश कोविड सुनामी की गिरफ्त में बना हुआ है. इस तरह के अप्रत्याशित संकट में भारत के लोग आपकी सबसे बड़ी प्राथमिकता होने चाहिए. मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप देश के लोगों को इस पीड़ा से बचाने के लिए जो भी संभव हो, वह करिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया के हर छह लोगों में से एक व्यक्ति भारतीय है। इस महामारी से अब यही पता चला है कि हमारा आकार, आनुवांशिक विविधता और जटिलता से भारत में इस वायरस के लिए बहुत ही अनुकूल माहौल मिलता है कि वह अपने स्वरूप बदले तथा अधिक खतरनाक स्वरूप में सामने आए।  मुझे डर इस बात का है कि जिस ‘डबल म्यूटेंट’ और ‘ट्रिपल म्यूटेंट’ को हम देख रहे हैं, वह शुरुआत भर हो सकती है।’’ उनके मुताबिक, इस वायरस का अनियंत्रित ढंग से प्रसारित होना न सिर्फ हमारे देश के लोगों के लिए घातक होगा, बल्कि शेष दुनिया के लिए भी होगा।

उन्होंने प्रधानमंत्री को सुझाव दिया, ‘‘इस वायरस एवं इसके विभिन्न स्वरूपों के बारे में वैज्ञानिक तरीके से पता लगाया जाए। सभी नए म्यूटेशन के खिलाफ टीकों के असर का आकलन किया जाए। सभी लोगों को तेजी से टीका लगाया जाए। पारदर्शी रहा जाए और शेष दुनिया को हमारे निष्कर्षों के बारे में अवगत कराया जाए।’’ यह भी पढ़ें : Maharashtra: महाराष्ट्र के ठाणे जिले में बिजली गिरने से किशोर की मौत

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के पास कोविड के खिलाफ टीकाकरण को लेकर कोई स्पष्ट रणनीति नहीं हैं और सरकार ने उसी समय इस महामारी पर विजय की घोषणा कर दी जब यह वायरस फैल रहा था। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की विफलता के कारण आज राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन अपरिहार्य लगता है।

 कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि इस स्थिति को देखते हुए कमजोर तबकों के लोगों को वित्तीय मदद और खाद्य सामाग्री उपलब्ध कराई जाए ताकि लॉकडाउन के कारण गरीबों को उस पीड़ा को न झेलना पड़े जो उन्हें पिछले साल के लॉकडाउन के समय झेलनी पड़ी थी। उन्होंने कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में पूरे सहयोग का भरोसा दिलाते हुए कहा कि इस संकटकाल में विभिन्न पक्षों को विश्वास में लिया जाए ताकि सब मिलकर भारत को सुरक्षित रखने के लिए काम कर सकें।




 


भाषा/वार्ता
नई दिल्ली

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