NJAC कानून को खारिज करना संसदीय संप्रभुता से गंभीर समझौता

December 8, 2022

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने संसद में पारित राष्ट्रीय न्यायिक आयोग (एनजेएसी) कानून को उच्चतम न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने पर बुधवार को गहरी चिंता जतायी।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह ‘संसदीय संप्रभुता से गंभीर समझौता’ और उस जनादेश का ‘असम्मान’ है जिसके संरक्षक उच्च सदन एवं लोकसभा हैं।

धनखड़ ने सभापति के रूप में उच्च सदन की कार्यवाही का संचालन करते हुए अपने पहले संबोधन में एनजेएसी के संबंध में उच्चतम न्यायालय के फैसले का उल्लेख किया और कहा कि लोकतांत्रिक इतिहास में ऐसी कोई मिसाल नहीं मिलती जहां नियमबद्ध ढंग से किये गये संवैधानिक उपाय को इस प्रकार न्यायिक ढंग से निष्प्रभावी कर दिया गया हो।

संसद के दोनों सदनों ने 2014 के अगस्त माह में एनजीएसी के प्रावधान वाला 99वां संविधान संशोधन सर्वसम्मति से पारित किया था।

बाद में उच्चतम न्यायालय ने अक्टूबर 2015 में इस कानून को संविधान के ‘बुनियादी’ ढांचे के अनुरूप नहीं बताते हुए इसे एक के मुकाबले चार के बहुमत फैसले से खारिज कर दिया था।


सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली

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