अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के मीडिया एवं प्रचार विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने सोमवार को बताया कि परिवार की निजता का सम्मान करते हुए, दिवंगत नेता सरदार डॉ. मनमोहन सिंह की अस्थियों को चुनने और विसर्जित करने के लिए वरिष्ठ कांग्रेस नेता परिवार के साथ नहीं गए।
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की अस्थियां रविवार को उनके परिवार के सदस्यों ने सिख रीति-रिवाजों के साथ मजनू का टीला गुरुद्वारे के पास यमुना नदी में विसर्जित की। इस मौके पर कांग्रेस नेता नदारद रहा थे। इसको लेकर कांग्रेस पर भाजपा हमलावर है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने सोमवार को प्रेस बयान में कहा, "परिवार की निजता का सम्मान करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता सरदार डॉ. मनमोहन सिंह की अस्थियों को चुनने और विसर्जित करने के लिए परिवार के साथ नहीं गए। हमारे प्रिय दिवंगत नेता के अंतिम संस्कार के बाद सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने उनके निवास पर परिवार से मुलाकात की। उनसे चर्चा करने के बाद, यह महसूस किया गया कि चूंकि अंतिम संस्कार के समय परिवार को कोई निजता नहीं मिली और परिवार के कुछ सदस्य चिता स्थल पर नहीं पहुंच पाए, इसलिए उन्हें फूल चुनना और अस्थियों के विसर्जन के लिए कुछ निजता देना उचित होगा, जो कि करीबी परिवार के सदस्यों के लिए भावनात्मक रूप से पीड़ादायक और कठिन वक्त होता है।"
बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की अस्थियां के विसर्जन के दौरान कांग्रेस नेता नदारद रहे थे। इसको लेकर भाजपा के कई नेताओं ने कांग्रेस पर तंज कसा। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने आरोप लगाया था कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के अस्थि विसर्जन के वक्त कांग्रेस का कोई नेता मौजूद नहीं था।
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा था, "यह देखकर बहुत दुख हुआ कि डॉ. मनमोहन सिंह जी की अस्थियां विसर्जित किए जाने के समय कांग्रेस या गांधी परिवार का एक भी सदस्य मौजूद नहीं था। मीडिया का ध्यान खींचने और राजनीति करने के लिए कांग्रेस मौजूद थी, लेकिन जब उन्हें सम्मान देने की बात आई तो वे नदारद हो गए। वाकई शर्मनाक है।"
बता दें कि 26 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन 92 साल की आयु में दिल्ली के एम्स में हो गया था। 28 दिसंबर को उनका अंतिम संस्कार दिल्ली के निगमबोध घाट पर किया गया था।
आईएएनएस नई दिल्ली |
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