
कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय राय ने राफेल लड़ाकू विमान का उपहास उड़ाते हुए प्रतीकात्मक तौर पर एक खिलौना विमान से ‘नींबू-मिर्च’ लटकाकर सरकार से पूछा कि राफेल के ऊपर से ‘नींबू-मिर्च’ कब हटेगा।
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
राय ने रविवार को संवाददाताओं से बातचीत में राफेल विमान का जिक्र करते हुए सवाल उठाया कि पाकिस्तान को पहलगाम हमले का जवाब देने के लिए केंद्र सरकार राफेल के ऊपर से नींबू-मिर्च कब हटाएगी?
उन्होंने अपनी आलोचना को और धार देने के लिए प्रतीकात्मक तौर पर एक खिलौना विमान से नींबू-मिर्च लटकाकर दिखाया और कहा कि पूरा भारत पहलगाम हमले का बदला लिये जाने का इंतजार कर रहा है, लेकिन केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
राय ने कहा, ‘‘पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में जिन लोगों की जान गई, उनके परिजन आज भी यह उम्मीद लगाए बैठे हैं कि सरकार कब इस पर गंभीरता से कोई ठोस कार्रवाई करेगी, लेकिन दुर्भाग्यवश, सरकार इन गंभीर मसलों पर पूरी तरह विफल साबित हो रही है।’’
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार केवल दिखावे की राजनीति कर रही है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य अमरपाल मौर्य ने सोमवार को राय के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘कांग्रेस ने हमेशा सुरक्षा बलों का अपमान किया है और उनकी क्षमताओं पर संदेह जताया है। राय का बयान उसका एक और उदाहरण है। हालांकि, मैं यह कहना चाहता हूं कि कांग्रेस पार्टी और सभी राष्ट्र विरोधियों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।’’
उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा पर सरकार के रुख पर जोर देते हुए कहा, ‘‘हमारी सरकार ने सुरक्षा बलों को देश के दुश्मनों के खिलाफ हमले की प्रकृति और समय तय करने की पूरी छूट दी है।’’
मौर्य ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस मोड़ पर भी जब सभी को दुश्मन से निपटने के लिए एकजुट होना चाहिए, कुछ लोग निम्न-स्तरीय राजनीति करने से खुद को नहीं रोक पा रहे हैं।’’
इस बीच, राय के बयान पर टिप्पणी करते हुए फैजाबाद से समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा, ‘‘मैंने (राय का) बयान नहीं सुना है, लेकिन मुझे लगता है कि पूरा विपक्ष पहले दिन से ही इस कायराना आतंकवादी हमले के लिए देश के दुश्मनों के खिलाफ मुंहतोड़ जवाब की मांग कर रहा है। मुझे लगता है कि इस संबंध में हमारे दृष्टिकोण में कोई बदलाव नहीं आया है।’’
भाषा वाराणसी (उप्र) |
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