India Pakistan Ceasefire: ‘भय बिनु होइ न प्रीति’.. पाकिस्तान को भय दिखाना था जरूरी

May 13, 2025

India Pakistan Ceasefire: रामचरित मानस की चौपायी-‘भय बिनु होइ न प्रीति’ को याद करते हुए भारतीय सेना ने कहा कि पाकिस्तान को भय दिखाना जरूरी था।

भारतीय सशस्त्र सेनाओं ने सोमवार को फिर स्पष्ट किया कि उनकी लड़ाई आतंकवाद और आतंकवादियों से थी और पाकिस्तानी सेना के आतंकवादियों के पक्ष में लड़ाई में उतरने के कारण भारत को उसके सैनिक ठिकानों को निशाना बनाना पड़ा जिसके लिए पाकिस्तानी सेना खुद जिम्मेदार है।

भारतीय थल सेना, वायुसेना और नौसेना के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ - DGMO) ने सोमवार को भी संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, तुर्की के ड्रोन हों या कहीं की भी कोई अन्य शस्त्र तकनीक हो, हमारी स्वदेशी रक्षा प्रणाली, प्रशिक्षित योद्धा उससे मुकाबले के लिए तैयार हैं।

उन्होंने कहा ऑपरेशन सिन्दूर में हमारा नुकसान बेहद मामूली रहा है। हमारे सभी सैन्य प्रतिष्ठान, उपकरण, शस्त्र प्रणालियां पूरी तरह से कार्यशील हैं, जरूरत पड़ने पर हम अगले मिशन के लिए तैयार हैं।

वायुसैनिक अभियान महानिदेशक एयर मार्शल एके भारती ने कहा कि पाकिस्तान की सेनाओं ने विमानों, मिसाइलों, ड्रोन एवं यूएवी से भारत पर भीषण हमला करने की कोशिश की लेकिन हमारी परत दर परत मजबूत एवं आधुनिक स्वदेशी रक्षा प्रणाली उसके सामने अभेद्य दीवार साबित हुई।

एयर मार्शल भारती ने दोहराया, हमारी लड़ाई आतंकवादियों एवं आतंकवाद से थी, पाकिस्तानी सेना से नहीं। पर अफसोस की बात है कि पाकिस्तानी सेना ने आतंकवादियों के समर्थन में इस लड़ाई में शामिल होने का फैसला किया इसलिए इस संघर्ष में पाकिस्तान को जो भी नुकसान हुआ है, उसके लिए वे खुद जिम्मेदार है।

उन्होंने आतंकवादियों के व्यवहार में आये अंतर का उल्लेख करते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षों से आतंकवादी धार्मिक स्थलों एवं यात्राओं को निशाना बनाने लगे थे और पहलगाम में उनका पाप का घड़ा भर गया था। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान पाकिस्तानी सेना द्वारा इस्तेमाल किये गये चीन निर्मित हथियार नाकाम साबित हुए हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि वायुरक्षा प्रणाली को संदर्भों में समझने की जरूरत है। पिछले दस साल में सरकार से सेनाओं को जो बजटीय समर्थन मिला है उससे हमें देश की वायुरक्षा प्रणाली  मजबूत एवं आधुनिक बनाने में बड़ी मदद मिली है।

उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिन्दूर में तीनों सेनाओं, सीमा सुरक्षा बल, और सरकारी एजेंसियों का पूरा समन्वय रहा। एयर मार्शल भारती ने रामचरित्र मानस की चौपायी सुनाई- विनय न मानत जलधि जड़, गए तीनि दिन बीति। बोले राम सकोप तब, भय बिनु होइ न प्रीति।


समयलाइव डेस्क
नई दिल्ली

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