
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) स्लैब को युक्तिसंगत बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है लेकिन देश अभी एकल दर वाली जीएसटी प्रणाली के लिए तैयार नहीं है।
हालांकि सीतारमण ने कहा कि भविष्य में एकल दर वाली जीएसटी प्रणाली की संभावना बनी हुई है।
सीतारमण ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि पांच, 12, 18 और 28 प्रतिशत की चार दरों वाली जीएसटी संरचना मनमाने ढंग से तय नहीं की गई थी, बल्कि यह विभिन्न राज्य-स्तरीय करों को उसके नजदीकी स्लैब में रखने की एक विस्तृत प्रक्रिया के जरिये तय की गई थी।
उन्होंने कहा, ‘‘जब जीएसटी प्रणाली की समीक्षा की गई, तो एक जरूरत यह थी कि वे (जीएसटी परिषद के सदस्य) चार दरें नहीं चाहते थे। हालांकि इस सवाल का जवाब अभी नहीं मिला है कि कि क्या वे अभी एकल दर वाली स्थिति के लिए तैयार हैं। शायद भविष्य में ऐसा हो सकता है।’’
वित्त मंत्री ने मौजूदा कर सुधार प्रक्रिया को ‘नई पीढ़ी के जीएसटी सुधारों’ का हिस्सा बताया, जो खासकर गरीबों और मध्यम वर्ग के लिए प्रणाली को सरल और निष्पक्ष बनाने पर केंद्रित है।
इस अवसर पर सीतारमण ने यह भी कहा कि मौजूदा राजग सरकार और पिछली संप्रग सरकार के बीच कर हस्तांतरण की तुलना करने वाले दस्तावेज पश्चिम बंगाल में परियोजनाओं के विवरण के साथ जारी किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि जल्द ही अतिरिक्त दस्तावेज साझा किए जाएंगे, जिनमें आम उपयोग की उन वस्तुओं की सूची होगी जहां जीएसटी दरें कम की गई हैं।
भाषा कोलकाता |
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