Goa LS Polls 2024: कांग्रेस उम्मीदवार का दावा- पुर्तगाली शासन से मुक्ति मिलने के बाद गोवा पर भारतीय संविधान थोपा गया था

April 23, 2024

दक्षिण गोवा लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार विरीएटो फर्नांडिस ने दावा किया है कि 1961 में पुर्तगाली शासन से मुक्ति के बाद गोवा पर भारतीय संविधान 'थोपा' गया था।

हालांकि गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत द्वारा टिप्पणी की आलोचना किए जाने के बाद फर्नांडिस ने कहा कि उनके बयान को राजनीतिक लाभ लेने के लिए तोड़-मरोड़ कर पेश नहीं किया जाना चाहिए और वह अपने बयान के साथ-साथ 'गोवा की पहचान को नष्ट करने', बेरोजगारी, महंगाई, अपराध और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर बहस करने के लिए तैयार हैं।

फर्नांडिस ने सोमवार को दक्षिण गोवा में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने कहा था कि 1987 में एक राज्य बना गोवा अपना भाग्य खुद तय करेगा। फर्नांडिस ने कहा कि हालांकि ऐसा हुआ नहीं।

पुर्तगाल का पासपोर्ट चुनने वाले गोवा के मूल निवासियों के लिए दोहरी नागरिकता के समर्थक फर्नांडिस ने दक्षिण गोवा में यह बात कही।

फर्नांडिस ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी से हुई अपनी बातचीत का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने गांधी से कहा था, ''जब 1961 में गोवा मुक्त हुआ था, तो भारतीय संविधान हम पर थोपा गया था।''

फर्नांडिस उस समय एक एनजीओ 'गोएंचो अवे' का हिस्सा थे, जो पुर्तगाल का पासपोर्ट चुनने वाले गोवा के मूल निवासियों के लिए दोहरी नागरिकता दिये जाने की मांग कर रहा था।

उन्होंने सभा में कहा, "हमने (पणजी के पास एक होटल में राहुल गांधी के साथ बैठक के दौरान) गांधी के सामने 12 मांगें रखीं थीं और उनमें से एक दोहरी नागरिकता देने से संबंधित थी। गांधी ने मुझसे पूछा कि क्या यह मांग संवैधानिक है। हमने कहा-नहीं।"

फर्नांडिस ने कहा कि कांग्रेस सांसद गांधी ने उनसे कहा कि अगर मांग संवैधानिक नहीं होगी तो उस पर विचार नहीं किया जाएगा।

फर्नांडिस ने कहा, "मैंने उन्हें समझाया कि भारतीय संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ था। जब 1961 में गोवा पुर्तगाली शासन से मुक्त हुआ, तो आपने (तत्कालीन केंद्र सरकार की ओर इशारा करते हुए) हम पर संविधान थोप दिया। हमें इसमें शामिल नहीं किया गया था।"

फर्नांडिस ने कहा कि उन्हें राहुल गांधी के पिता (राजीव गांधी) के नाना (जवाहर लाल नेहरू) का एक भाषण याद है जिसमें उन्होंने कहा था कि आजादी के बाद गोवा अपना भाग्य खुद तय करेगा, "लेकिन हमारी किस्मत किसी और ने तय की थी।”

मुख्यमंत्री सावंत ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कांग्रेस उम्मीदवार फर्नांडिस और उनकी पार्टी पर निशाना साधा। भाजपा नेता सावंत ने लिखा, ''मैं दक्षिण गोवा से कांग्रेस के उम्मीदवार की टिप्पणी से स्तब्ध हूं, जिन्होंने दावा किया है कि गोवा के लोगों पर भारतीय संविधान जबरदस्ती थोपा गया था। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को पूरे दिल से विश्वास था कि गोवा भारत का एक अविभाज्य हिस्सा है। कांग्रेस ने गोवा की मुक्ति में 14 साल की देरी की। अब, उनके उम्मीदवार ने भारतीय संविधान को कमजोर करने की हिमाकत कर रहे हैं।’’

सावंत ने विपक्षी दल से देश को "तोड़ने" की राजनीति बंद करने के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने कहा, "कांग्रेस को भारत तोड़ो राजनीति तुरंत बंद करनी चाहिए। कांग्रेस हमारे लोकतंत्र के लिए खतरा है।"

सावंत के पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए फर्नांडिस ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर की गई पोस्ट में कहा, ''गोवा के प्रिय मुख्यमंत्री राजनीतिक लाभ पाने और जहर फैलाने के लिए मेरे भाषण के चुनिंदा शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने की कोशिश न करें। मैंने जो कहा उस पर और भाजपा द्वारा गोवा की पहचान का नष्ट करने, बेरोजगारी में वृद्धि, महंगाई, अपराध और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर बहस करने के लिए तैयार हूं।''

गोवा विधानसभा में विपक्ष के नेता यूरी अलेमाओ अपनी पार्टी के उम्मीदवार के समर्थन में सामने आए और कहा कि भाजपा को संविधान पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।

अलेमाओ ने ‘एक्स’ पर की गई पोस्ट में कहा, ''गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत की भाजपा सरकार का गठन संविधान की हत्या के साथ हुआ था। भाजपा ने पूरे देश में दलबदल कराया, उसे संविधान पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। आइए हम भाजपा के 10 सालों के शासन के दौरान अपराध, बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार, गोवा के विनाश पर बात करते हैं।’’

गोवा की दो लोकसभा सीट पर तीसरे चरण में सात मई को मतदान होगा।
 


भाषा
पणजी

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