दिवाली पर प्रदूषण को रोकने के लिए आए ‘सीड क्रैकर्स’

November 9, 2020

दिवाली के समय आसमान में धुंध छाने और लाखों लोगों को सांस लेने में तकलीफ होने को देखते हुए अब इस त्योहार को उत्साह के साथ-साथ सतर्कता से मनाने के बारे में सोचने का समय आ गया है।

इस समस्या का हल कुछ नवोन्मेषकों ने ‘सीड क्रैकर्स’ के रूप में निकाला है। इन्हें जलाने से प्रकाश और आवाज नहीं निकलती बल्कि फूल, फल और सब्जियां निकलती हैं।      

इसे बनाने वाले ‘सीड पेपर इंडिया’ के संस्थापक रोशन रे ने दिल्ली में हर साल बढते प्रदूषण और इससे सांस लेने में होने वाली तकलीफ के बारे में पढने के बाद सोचा कि इसके लिए लोगों की मानसिकता बदलने की जरूरत है।      

बेंगलुरू के रहने वाले रे ने कहा, ‘‘जब लोग पटाखों के बारे में सोचते हैं, तो जलाना, धुआं निकलना और शोर ही दिमाग में आता है। हमें यह मानसिकता बदलने की जरूरत है कि पटाखों को जलाने की जरूरत नहीं है बल्कि उन्हें अलग-अलग पौधों के रूप में उगाया भी जा सकता है। हमें यह समझने की जरूरत हैं कि हम पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना भी जश्न मना सकते हैं।’’      

रे के ‘रॉकेट’ गेंदा के फूल, ‘बिजली बम’ औषधीय तुलसी के पौधे और ‘हाइड्रोजन बम’ रसदार टमाटर में बदल जाते हैं। उन्होंने कहा कि इन ‘सीड क्रैकर्स’ को ‘सुतली बम‘, ‘हाइड्रोजन बम‘ और ‘अनार‘ जैसे पटाखों का रूप दिया गया है, लेकिन ये फटते नहीं हैं। ये विभिन्न पौधों के रूप में उगते हैं।


भाषा
नई दिल्ली

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