
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के संबंध में अपने नेताओं के उल्टे-सीधे बयानों से परेशान कांग्रेस ने सोमवार को स्पष्ट कहा कि ये उनके निजी विचार हैं और केवल कांग्रेस कार्य समिति, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे तथा लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बयान ही पार्टी का आधिकारिक स्टैंड है।
कांग्रेस के महासचिव और संचार प्रमुख जयराम रमेश ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि कांग्रेस कार्य समिति ने 24 अप्रैल 2025 को बैठक की और दो दिन पहले जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए बर्बर आतंकी हमले पर एक प्रस्ताव पारित किया। इसके बाद 25 अप्रैल की शाम को कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता ने सर्वदलीय बैठक में भाग लिया और पार्टी का पक्ष रखा।
उन्होंने कहा, "कांग्रेस के कुछ नेता मीडिया से चर्चा कर रहे हैं। वे केवल अपनी व्यक्तिगत राय रखते हैं, वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते। ऐसे अत्यंत संवेदनशील समय में इस बात में कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि केवल कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) का प्रस्ताव, मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी द्वारा व्यक्त विचार, और अधिकृत एआईसीसी पदाधिकारियों के विचार ही कांग्रेस की आधिकारिक स्थिति का प्रतिनिधित्व करते हैं।"
उल्लेखनीय है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया से जब पहलगाम हमले पर प्रतिक्रिया के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि युद्ध की कोई जरूरत नहीं है। हमें कड़े कदम उठाने चाहिए। सुरक्षा बढ़ाई जानी चाहिए।
कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा था कि आतंकवादियों के पास इतना समय कहां होता है कि वे मारने वाले के कान में जाकर पूछें कि तुम हिंदू हो या मुसलमान। इस पूरे मामले में कई बातें हैं, लोग अलग-अलग बातें बता रहे हैं। भिन्न-भिन्न प्रकार की बातें हो रही हैं। आतंकवादियों का कोई मजहब नहीं होता है। आतंकियों ने देश पर हमला किया है और इसलिए उन्हें पकड़कर कठोरतम कार्रवाई करनी चाहिए। पूरे देश की आज यही भावना है। लेकिन, तरह-तरह की बातें कर मूल मुद्दों से भटकाना गलत है।"
इसके अलावा भी कई कांग्रेस नेताओं ने विवादित बयान दिए हैं।
आईएएनएस नई दिल्ली |
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