कासरगोड के नीलेश्वरम स्थित अंजुताम्बलम वीरारकव मंदिर में आतिशबाजी के दौरान दुर्घटना हो गई थी। इसमें लगभग 150 लोग घायल हुए थे।
घटना के एक दिन बाद केरल सरकार ने घायलों के अस्पताल का खर्च वहन करने का निर्णय लिया है।
यह फैसला केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की अध्यक्षता में हुई साप्ताहिक कैबिनेट बैठक में लिया गया। सीएम ने प्रस्ताव रखा कि सरकार घायलों के इलाज का खर्च वहन करेगी, जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दे दी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार देर रात मंदिर परिसर में आग लग गई थी। एक पटाखे की चिंगारी एक कमरे में गिर गई, जहां करीब 25 हजार रुपये के पटाखे रखे हुए थे।
एक चश्मदीद ने बताया, "हमने कमरे से आग का एक गोला निकलते देखा, जिसके बाद मंदिर में 'थेय्यम' अनुष्ठान देखने आए 1,500 से ज्यादा लोग इधर-उधर भागने लगे।"
घायलों में एक व्यक्ति की हालत बहुत गंभीर है, जबकि आठ की हालत गंभीर है। कम से कम 97 लोगों को कासरगोड, कोझिकोड, कन्नूर और मंगलौर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
मंगलवार को भी अस्पतालों में गंभीर रूप से घायल लोगों की हालत पर नजर रखी गई। घटना के बाद पुलिस ने मंदिर के दो अधिकारियों और पटाखा जलाने वाले व्यक्ति को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया।
इस बीच, स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि यह पटाखे फोड़ते समय सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने में बड़ी चूक थी। कासरगोड जिले की पुलिस अधीक्षक (एसपी) डी. शिल्पा पहले ही कह चुकी हैं कि मंदिर प्रशासन सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने में विफल रहा और उनके पास कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति भी नहीं थी।
दुर्घटना स्थल से नमूने एकत्र कर फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिए गए हैं। दुर्घटना के बाद मंदिर प्राधिकारियों ने अगले आदेश तक उत्सव के आयोजन को स्थगित करने का निर्णय लिया है।
आईएएनएस तिरुवनंतपुरम |
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