महबूबा मुफ्ती ने प्रेस कांफ्रेंस कर सरकार पर उठाए सवाल, कहा- गोलाबारी से प्रभावित इलाकों को 'युद्ध प्रभावित' क्षेत्र घोषित करें

May 20, 2025

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को सरकार से अपील की कि वह जम्मू कश्मीर में सीमा पार गोलाबारी से प्रभावित क्षेत्रों को 'युद्ध प्रभावित क्षेत्र' घोषित करे और संघर्ष में जान गंवाने वालों को शहीद का दर्जा दे।

यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास कई इलाकों का दौरा किया ताकि सीमा पार से हो रही गोलाबारी के मद्देनजर लोगों के जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव की सीधे तौर पर जानकारी हासिल की जा सके।

पीडीपी अध्यक्ष ने कहा, "मैं अनुरोध करती हूं कि इन सभी क्षेत्रों को युद्ध प्रभावित क्षेत्र घोषित किया जाए, ताकि उनके पुनर्वास का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू किया जा सके।"

उन्होंने यह भी मांग की कि जिन परिवारों के घर गोलाबारी में नष्ट हो गए हैं, उन्हें अपने घरों के पुनर्निर्माण में सहायता के लिए 50-50 लाख रुपये दिए जाएं।

उन्होंने कहा, "मैं यह भी मांग करती हूं कि भारत सरकार उन सभी लोगों को शहीद का दर्जा दे, जिन्होंने इसमें अपनी जान गंवाई है। इससे उन्हें सम्मान मिलेगा, क्योंकि वे निर्दोष थे और उनके परिवारों को भी कुछ लाभ मिलेगा। मृतकों के परिजनों को नौकरी भी दी जानी चाहिए।"

महबूबा ने कहा कि गोलाबारी से पुंछ, उरी, तंगधार और कुपवाड़ा के कुछ हिस्सों में भारी तबाही हुई है।

उन्होंने कहा कि इसने परिवारों को तबाह कर दिया है, घरों और अन्य संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है। कुछ लोगों के पास अभी भी रहने के लिए टेंट तक नहीं है और वे खुले आसमान के नीचे रह रहे हैं।

पीडीपी अध्यक्ष ने दावा किया कि बैंक उन लोगों को बीमा देने से इनकार कर रहे हैं जिनकी दुकानें क्षतिग्रस्त हुई हैं।

उन्होंने कहा, "सरकार को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए। साथ ही जिन लोगों ने आवास ऋण लिया है और उनके घर नष्ट हो गए हैं, उनके ऋण माफ किए जाने चाहिए।"

उन्होंने कहा कि हालांकि वह यह नहीं कह सकतीं कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद क्या हासिल हुआ, लेकिन नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास रहने वाले लोगों को कष्ट उठाना पड़ा है।

उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि और क्या हासिल हुआ है, लेकिन वे आतंकवादी या जिन्हें आप आतंकवादी कहते हैं, वे अभी भी फरार हैं। उन्हें अब तक पकड़ा नहीं जा सका है।"

उन्होंने दावा किया, "विदेश मंत्री ने कहा है कि उन्होंने पाकिस्तान को पहले ही चेतावनी दे दी थी और इसलिए जब आपने उन्हें चेतावनी दी तो हो सकता है कि इससे आतंकवादियों को भागने का मौका मिल गया हो। मेरे लिए यह (उपलब्धि) शून्य है।"
 


भाषा
श्रीनगर

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