
महाराष्ट्र के ठाणे जिले में पिछले महीने दो चचेरे भाइयों की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किये गये सात लोगों के खिलाफ पुलिस ने महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (MCOCA) के तहत कठोर धारायें लगाई हैं। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
जिला पुलिस अधीक्षक (एसपी) डॉ डी एस स्वामी ने बताया कि मुख्य अपराधी विक्की म्हात्रे समेत सातों आरोपी एक संगठित आपराधिक गिरोह का हिस्सा थे, जो पिछले एक दशक में कई हिंसक अपराधों में शामिल रहा है।
उन्होंने बताया कि गिरोह ने कथित तौर पर पुरानी रंजिश के चलते 42 वर्षीय प्रफुल तांगड़ी को निशाना बनाया और 11 अगस्त को उन पर जानलेवा हमला किया।
अधिकारी ने बताया कि भिवंडी के खरदी गांव स्थित तांगड़ी के कार्यालय में घुसकर आरोपियों ने उन पर तलवारों और अन्य हथियारों से हमला किया।
पुलिस ने एक बयान में बताया कि मौके पर मौजूद उनके चचेरे भाई और कार्यालय के कर्मचारी चेतन तांगड़ी (22) ने बीच-बचाव कर उन्हें बचाने की कोशिश की, तो आरोपियों ने उसकी भी हत्या कर दी।
भिवंडी तालुका पुलिस ने शुरुआत में इस संबंध में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और शस्त्र अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की थी।
मामला दर्ज होने के बाद, पुलिस ने संदिग्धों की तलाश के लिए कई टीमों को तैनात किया और खुफिया एवं तकनीकी निगरानी का सहारा लिया। बाद में सभी सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
एसपी ने कहा, ‘उनकी आपराधिक पृष्ठभूमि की जांच करने पर, हमें पता चला कि ये लोग 2013 से गंभीर और जघन्य अपराधों में शामिल थे।’’
उन्होंने बताया कि उनके अपराधों में गैरकानूनी रूप से इकट्ठा होना, हमला करना, हत्या का प्रयास और अवैध हथियार रखना शामिल है। उन्होंने कहा कि उनके आपराधिक व्यवहार के तरीके से यह संकेत मिलता है कि वे एक संगठित गिरोह के रूप में काम करते थे, जिसके लिए मकोका लागू करना ज़रूरी था।
पुलिस गिरोह के आपराधिक नेटवर्क के विस्तार एवं अन्य मामलों से उसके संभावित संबंधों की जांच कर रही है।
भाषा ठाणे |
Tweet