अगर आप भी सेकंड हैंड गाड़िया खरीदने और बेचने का शौक़ रखते हैं तो सावधान हो जाइए क्यो की कानपुर में बंटी और बबली ने दस्तक दे दी है । इस बंटी बबली की जोड़ी ने कानपुर पनकी के रहने वाले निशांत सिंह को अपना शिकार बनाकर कानपुर में अपनी आहट दर्ज करा दी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कानपुर पनकी के रहने वाले पीड़ित निशांत के अनुसार उन्होंने अपनी चार पहिया वाहन को बेचने के लिए ओलेक्स पर विज्ञापन डाला था, जिसे देखकर दिल्ली के रहने वाले प्रकाश जोशी और भूमिका दुआ ने नाम के बंटी बबली ने कानपुर में बिकने वाली इस गाड़ी को खरीदने का ऑफर दिया । इन्होनें अपनी पहचान लखनऊ के रहने वाले कपल के रूप में उजागर की और कानपुर में पीड़ित से सम्पर्क कर के उसके पास पहुँच गए । ये बंटी बबली इतने शातिर थे कि इन्होंने पीड़ित को इस तरह से भरोसे में लिया कि वो खुद इनके रहन सहन को देखकर इनकी मंशा नही समझ पाए । पीड़ित को भरोसे में लेने के लिए इन दोनों ने बहुत ही शातिराना अंदाज़ से पहले तो पीड़ित को 60 हज़ार एडवांस दिया फिर टेस्ट ड्राइव के नाम पर गाड़ी लेकर ऐसे रफूचक्कर हो गए ।
पीड़ित निशांत के अनुसार इस मामले की शिकायत लेकर जब पीड़ित कानपुर के पनकी थाने पहुँचे तो पुलिस ने पीड़ित की मदद करने के नाम पर पहले तो अपने मन मुताबिक तहरीर लिखवाई उसके बाद मार्च 2023 में घटी इस घटना का आजतक खुलासा तो नही कर सकी लेकिन इस कहानी में इतने छेद कर दिए कि पुलिसिया कार्यशैली से परेशान पीड़ित निशांत ने पुलिस द्वारा मदद की आस ही छोड़ दी और आखिरकार अपने सोर्सेज़ से दोनो आरोपी बंटी बबली का पता लगाने में जुट गए ।इस दौरान पीड़ित ने अपने सोर्सेज़ से पता किया कि उसकी गाड़ी जालंधर में किसी स्क्रैप व्यापारी के पास कटवा दी गयी है, और स्क्रैप व्यापारी से इस मामले में पता चला कि इन दोनों बंटी बबली के द्वारा पहले भी दर्जनों गाड़ी कटवाने के कार्य को अंजाम दिया जा चुका है । जिसके बाद पीड़ित निशांत ने महीनों शोसल मीडिया पर खोजबीन करने के बाद आखिरकार दोनो आरोपियों को खोज निकाला और पनकी पुलिस को इस बात की सूचना देते हुए मौके पर पुलिस के साथ जाकर एक आरोपी प्रकाश जोशी को लाकर पुलिस के सुपुर्द कर दिया जिसके बाद पीड़ित को लगा कि अब शायद पुलिस कुछ कार्यवाही कर के उन्हें न्याय दिलाने का काम करेगी लेकिन इसके बाद भी पुलिस ने अपना खेल जारी रखा और करीब आरोपी प्रकाश जोशी को 15 दिन थाने में बिठाए रखा और उसके बाद बिना उच्चाधिकारियों के नॉलेज के बगैर आरोपी को थाने से छोड़ दिया गया ।
पीड़ित का आरोप है कि पुलिस ने घटना के पहले दिन से ही इस केस में लापरवाही की है, पहले तो महीनों मामला दर्ज नही किया लेकिन जब पीड़ित ने जॉइंट कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी से मामले की शिकायत की तो आलाधिकारियों के दबाव में पनकी थाने में धारा 406 के तहत मामला दर्द कर लिया । लेकिन जब कोई कार्यवाही नही हुई तो पीड़ित के द्वारा आरोपी को पकड़ने के बाद फिर से छोड़ना पुलिस की कार्यशैली पर एक बड़ा सवालिया निशान खड़ा करता है ।
फ़िलहाल पीड़ित ने पनकी थाना प्रभारी रविन्द्र प्रताप सिंह और मामले के विवेचक मनोज कुमार दीक्षित की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए पुनः आलाधिकारियों के सामने अपनी पीड़ा बताई है ।
अब कानपुर पुलिस आगे क्या कार्यवाही करती है, किस तरह से पीड़ित को न्याय दिलाती है, लापरवाही करने वाले पुलिसकर्मियों पर किस तरह से कार्यवाही करती है ये देखने वाली बात होगी, फिलहाल पीड़ित के पास केवल न्याय की आस के अलावा और कुछ नज़र नही आ रहा है ।
अनुराग श्रीवास्तव कानपुर कानपुर |
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